तंजानियन नागरिक दिल्ली की महिला दोस्त के साथ गिरफ्तार:मोटापे की हर्बल दवा बनाने के नाम पर ग्वालियर के व्यापारियों से ₹49 लाख ठगे
ग्वालियर क्राइम ब्रांच ने शहर के व्यापारियों से 49 लाख रुपए की ठगी करने वाले तंजानिया के नागरिक को दिल्ली में उसकी महिला दोस्त के साथ गिरफ्तार किया है।
फ्रॉड के लिए आरोपी ने ब्रिटेन की फार्मा कंपनी को ओबेसिटी (मोटापा) कम करने की दवा बनाने के लिए लगने वाला रॉ मटेरियल सप्लाई करने का ताना-बाना बुना। व्यापारियों को कहा कि आप चाहें तो आंध्रप्रदेश की एक फर्म से रॉ मटेरियल लेकर हमें दे सकते हैं। व्यापारियों ने ऐसा ही किया। बाद में पता चला कि ऐसी कोई फर्म है ही नहीं।
घटना जुलाई 2023 से फरवरी 2024 के बीच की है। अब जाकर दोनों आरोपी क्राइम ब्रांच के हाथ लग सके हैं। फिलहाल, इनको रिमांड पर लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है।
जुलाई 2023 में आया कॉल, 20% कमीशन का लालच दिया
ग्वालियर में रहने वाले विजय शर्मा फार्मा कारोबार से जुड़े हैं। जुलाई 2023 में उनके पास एक कॉल आया था। कॉल करने वाली महिला ने अपना नाम लॉरेस एल्विस बताया और कहा कि वो ब्रिटेन की फार्मा कंपनी की प्रतिनिधि है। उनकी कंपनी ओबेसिटी से जुड़ी हर्बल मेडिसन बनाती है। अगर आप इसके लिए कच्चा मटेरियल भारत से खरीदकर हमें भेजेंगे, तो हम उस पर आपको 20 प्रतिशत कमीशन देंगे। महिला ने विजय को यह सलाह भी दी कि कच्चा माल आंध्र प्रदेश की रंगारेड्डी फर्म से खरीद सकते हैं।
8 लाख रुपए के सैंपल खरीदे, कहा गया- और सैंपल लाने होंगे विजय के मुताबिक, उन्हें व्यापार में लाभ दिखाई दिया तो उन्होंने अपने एक – दो साथियों को साथ लेकर रंगारेड्डी फर्म से 8 लाख रुपए का सैंपल खरीदा और दिल्ली जाकर कंपनी के प्रतिनिधि लूकर्स एडवर्ड से मिले। लूकर्स ने सैंपल देखकर सहमती जताई, लेकिन कहा कि हम एक सैंपल से अप्रूवल नहीं दे सकते, आपको कम से कम 50 से 60 सैंपल लाने होंगे।
विजय और उनके साथी ग्वालियर वापस आए। 49 लाख रुपए के सैंपल खरीदकर कंपनी के प्रतिनिधि को दे दिए। इसके कुछ दिन बाद और सैंपल भेजने के लिए कहा गया। जब कुछ दिन तक कोई व्यापारिक हलचल नहीं दिखी तो उन्हें शक हुआ।
इंटरनेट पर सर्च किया तो फर्जी निकली फर्म शक होने पर कारोबारी विजय शर्मा ने सबसे पहले आंध्र प्रदेश की रंगारेड्डी फर्म को इंटरनेट पर सर्च किया, लेकिन इस नाम की कोई फर्म इस व्यवसाय से जुड़ी नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने ब्रिटेन की कंपनी को सर्च किया तो वो भी फेक मिली है। फिर दिल्ली में कंपनी के अधिकारियों से बातचीत की तो उनका कहना था कि और सैंपल भेजने होंगे। कंपनी ओबेसिटी की टेबलेट बना रही है। अब उनको ठगी का अहसास हो गया था। इसके बाद उन्होंने क्राइम ब्रांच में इसकी शिकायत की।
18 खातों में गई थी ठगी की रकम
क्राइम ब्रांच ने जब मनी ट्रैक चैक किया तो ठगी गई रकम करीब 17 से 18 अकाउंट में जाती दिखाई दी है। जिन मोबाइल नंबर से बात हुई, वो दिल्ली की लोकेशन के मिले। कड़ियां जोड़ते हुए ग्वालियर पुलिस दिल्ली के बसंत कुंज पहुंची और वहां से उन्होने तंजानिया (साउथ अफ्रीका का देश) निवासी 29 साल के टेरी ओबो और मेरठ (उत्तरप्रदेश) की रहने वाली उसी महिला साथी वीनस रावत को गिरफ्तार कर लिया है। इनके पास से एक लैपटॉप, पांच मोबाइल, कुछ पासपोर्ट, वीजा मिले हैं।
एएसपी शहर कृष्ण लालचंदवानी ने बताया कि पुलिस आरोपियों के अन्य साथियों की तलाश कर रही है।