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तहसीलदार की पोस्ट-‘मुंह छिपाकर दारू पी रही प्रियंका गांधी’

गुना जिले के कुंभराज में पदस्थ तहसीलदार अमिता सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर एक पोस्ट की है। जिसमें उन्होंने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा को लेकर कहा है कि कैमरा सामने आते ही मुंह छिपाकर लंदन में दारू पी रही हैं।

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उन्होंने पोस्ट में राहुल खान लिखा। लिखा- बकरे और बीफ खाने वाले ब्राह्मण राहुल खान और वाड्रा परिवार 100 करोड़ हिंदुओं के देश पर राज करने का सपना पाले हैं। अपनी पोस्ट के साथ उन्होंने एक फोटो भी लगाया है। जिसमें प्रियंका गांधी वाड्रा और रॉबर्ड वाड्रा बैठे नजर आ रहे हैं। हालांकि, कुछ देर बाद उन्होंने अपनी पोस्ट डिलीट कर दी।

दैनिक भास्कर ने जब तहसीलदार अमिता सिंह से पोस्ट को लेकर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि राजस्व महा अभियान चल रहा है। बार-बार ओटीपी आता रहता है, इसलिए मेरा मोबाइल किसी के भी पास रहता है, मेरे पास नहीं रहता है।

तहसीलदार ने कहा- किसी ने क्लोन आईडी बनाकर पोस्ट की

अमिता सिंह ने अपने फेसबुक अकाउंट पर लिखा- अपने सभी मित्रों को सूचित करना चाहती हूं कि मेरी फेसबुक आईडी हैक हो गई है। किसी के द्वारा मेरी क्लोन आईडी बनाकर कोई राजनीति से प्रेरित पोस्ट की गई है। मेरे द्वारा अपनी आई चेक करने पर ऐसी कोई पोस्ट मिली नहीं है। मैं इस संबंध में साइबर सेल में शिकायत कर रही हूं।

कांग्रेस ने कहा- औकात में रहकर जिम्मेदारी निभाएं

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मीडिया सलाहकार केके मिश्रा ने कहा- तहसीलदार हैं, वे अपनी प्रशासनिक औकात में रहकर जो उन्हें जिम्मेदारी है उसे निभाएं। यदि वो समझती हैं कि ज्योतिरादित्य सिंधिया जी को खुश कर वहां नौकरी कर लेंगी, तो उन्हें लंबा प्रशासनिक जीवन निभाना है। कभी भी तकलीफ में आ सकती हैं। महिला हैं, अपने दायरे में काम करें।

यदि तहसीलदार नहीं, समाज सुधारक बनना चाहती हैं, तो उन्हें राजनीति में आ जाना चाहिए। अपनी हैसियत पता लग जाएगी। ये वही तहसीलदार हैं, जो हमेशा विवादों में रहती हैं। सरकार को उन्हें कहीं भी पदस्थ करने से पहले मानसिक इलाज करवाकर भेजना चाहिए।

जैसा कि उन्होंने अपनी प्रोफाइल पर पोषण विशेषज्ञ भी लिखा है, उन्हें मानसिक पोषण की भी आवश्यकता है। महिलाओं के प्रति सद्भावना रखना सम्मानजनक स्थिति है, किंतु तहसीलदार महोदया मणिपुर के मसले पर वह मूक बधिर क्यों बनी रहीं। लगता है वे एक सरकारी नौकर नहीं, सरकार के एजेंडे को लागू करने वाली राजनीतिक दल की सदस्य बन चुकी हैं।

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