खंडवा के संत सिंगाजी थर्मल पावर प्लांट के राखड़ तालाब क्षेत्र से चोरी हुए ट्रैक्टर का पुलिस ने सफलतापूर्वक पता लगा लिया है। इस मामले में चौंकाने वाला खुलासा तब हुआ जब ट्रैक्टर चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराने वाला खुद ही इस वारदात का मास्टरमाइंड निकला।
प्लांट में पदस्थ सुपरवाइजर ने पंजाब निवासी दोस्त के साथ मिलकर ट्रैक्टर चोरी कराई और फिर खुद थाने पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मूंदी पुलिस ने लगातार 10 दिन की मशक्कत के बाद पंजाब से दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और ट्रैक्टर को बरामद कर लिया है। इस मामले में 50 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों की मदद ली गई।
ऐसे खुला ट्रैक्टर चोरी का राज शनिवार को एडिशनल एसपी राजेश रघुवंशी ने मामले का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि मूंदी थाने की पुलिस टीम ने इस केस की गुत्थी सुलझाने के लिए खंडवा से लेकर पंजाब तक के होटल, ढाबों, आम रास्तों और राष्ट्रीय राजमार्गों पर लगे 50 से अधिक सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले। साइबर सेल की मदद भी ली गई।
इसी आधार पर ट्रैक्टर चोरी की पूरी कहानी सामने आई।
फरियादी ही निकला आरोपी इस मामले में सबसे हैरान करने वाली बात यह रही कि जो व्यक्ति ट्रैक्टर चोरी की शिकायत लेकर पुलिस के पास पहुंचा था, वही असल में इस वारदात का मास्टरमाइंड निकला। आरोपी मनप्रीत सिंह रंधावा (21), जो राजस्थान के बूंदी जिले का रहने वाला है, संत सिंगाजी थर्मल प्लांट में आरएबी कंपनी में सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत है।
उसी कंपनी में एक स्वराज ट्रैक्टर (UP84AR2039) अटैच था।
मनप्रीत ने अपने पंजाब निवासी दोस्त कुलदीप सिंह (35), निवासी तरनतारन, को मूंदी बुलाया और 9-10 जुलाई की रात को ट्रैक्टर चोरी करवाई। इसके बाद मनप्रीत ने 18 जुलाई को बीड़ चौकी पहुंचकर ट्रैक्टर चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
टीम बनी, पंजाब तक पहुंची पुलिस इस हाईप्रोफाइल मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार राय के निर्देशन में मूंदी टीआई राजेंद्र नरवरिया और बीड़ चौकी प्रभारी राधेश्याम मालवीय के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनाई गई। टीम ने लगातार 10 दिनों तक ट्रैक्टर के मूवमेंट को ट्रेस करने के लिए मूंदी से अमृतसर तक सीसीटीवी फुटेज खंगाले और तकनीकी जांच की।
आखिरकार पुलिस को सफलता मिली और दोनों आरोपियों मनप्रीत सिंह रंधावा और कुलदीप सिंह जाट को गिरफ्तार कर लिया गया। ट्रैक्टर को भी पंजाब से जब्त कर लिया गया है।
पुलिस की सख्त निगरानी से टूटी साजिश
पुलिस का कहना है कि आरोपियों ने बेहद सोच-समझकर यह साजिश रची थी ताकि किसी को उन पर शक न हो। लेकिन पुलिस की सतर्कता, तकनीकी विश्लेषण और सतत निगरानी के चलते उनकी साजिश नाकाम हो गई।