दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने कत्ल के 1 साल पुराने मामले में पत्नी, उसके प्रेमी और महिला के बहन के देवर को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक महिला का अफेयर चल रहा था, इसलिए उसने अपने पति की सुपारी देकर हत्या करा दी थी. एक साल पुराना कत्ल का यह केस कभी खुलता ही नहीं अगर क्राइम ब्रांच भगोड़े की तलाश में दिल्ली के अलीपुर न पहुंचती.
दरअसल दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच भगोड़ों की तलाश के लिए एक टीम बना रखी है. पुलिस की टीम कोर्ट से भगोड़ा घोषित प्रीतम प्रकाश की तलाश में थी. करीब एक साल से प्रीतम का कोई पता नही था. ट्रक लूट के 10 के करीब केस प्रीतम के खिलाफ दर्ज थे, उन्हीं में से एक केस में प्रीतम को कोर्ट ने भगोड़ा घोषित किया था.
मोबाइल फोन से पकड़ में आया
लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद प्रीतम का कोई सुराग नहीं मिल रहा था. तभी 30 जुलाई के आसपास प्रीतम का मोबाइल फोन अचानक से ऑन हो गया. मोबाइल हैंडसेट तो पुराना था, लेकिन सिम नया था. मोबाइल फ़ोन एक्टिव होने के साथ ही दिल्ली पुलिस भी एक्टिव हो गई और फोन को ट्रैक करते-करते दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की टीम अलीपुर इलाके में पहुंची और वहां से पुलिस ने एक शख्स को हिरासत में लिया.
रोहित ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की
जिसके पास से प्रीतम का फोन मिला उसने अपना नाम रोहित बताया. रोहित ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की लेकिन, पुलिस ने जब सख्ती से पूछताछ की तो उसने बताया कि यह फोन तो प्रीतम का है. रोहित ने पुलिस को बताया कि प्रीतम की 1 साल पहले हत्या कर दी गई और साजिश उसने और प्रीतम की पत्नी सोनिया ने मिलकर रची थी.
प्रीतम को रास्ते से हटाने की साजिश
रोहित की बात सुन पुलिस ने जांच को नए एंगल से शुरू किया. अब जांच के दायरे में प्रीतम की पत्नी भी शामिल थी. जब पुलिस ने प्रीतम की पत्नी को हिरासत में लेकर पूछताछ किया तो प्रीतम की पत्नी ने बताया की उसका और रोहित का अफेयर चल रहा था. दोनों ने मिलकर प्रीतम को रास्ते से हटाने की साजिश रची थी.
ऐसे रची हत्या की प्लानिंग
साजिश के तहत 5 जुलाई 2024 को प्रीतम की पत्नी सोनिया उसे लेकर सोनीपत गई. वहां पर सोनिया ने अपनी बहन के देवर विजय को 50 हजार की सुपारी दी थी. साजिश के तहत विजय ने 5 जुलाई की रात प्रीतम को शराब पिलाई और फिर उसकी गला दबाकर हत्या करने के बाद शव को नाले में फेंक दिया था.
सिम को तोड़कर फेंक दिया
प्रीतम की सड़ी गली लाश सोनीपत पुलिस को 10 जुलाई 2024 को मिली थी. सोनीपत पुलिस ने इस मामले में कत्ल का केस रजिस्टर कर लिया लेकिन पीड़ित की पहचान न कर सकी थी इसलिए जांच आगे नहीं बढ़ सकी. वही दिल्ली अलीपुर आने के बाद सोनिया ने 20 जुलाई 2024 को अलीपुर थाने में अपने पति प्रीतम की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी. सोनिया ने बड़ी चालाकी से सोनीपत में ही अपने पति के मोबाइल को अपने कब्जे में ले लिया था, सिम को वहीं पर तोड़कर ठिकाने लगा दिया लेकिन मोबाइल सेट को अपने पास रख लिया था.
दिल्ली आने के कुछ दिन बाद सोनिया ने प्रीतम के ऑटो को साढे चार लाख रुपए में बेच दिया और उसी में से 50 हजार विजय को दे दिए थे. कत्ल के 1 साल बीत जाने के बाद जब सोनिया को लगा कि अब वह लोग नहीं पकड़े जाएंगे तो उसने प्रीतम का वही मोबाइल अपने प्रेमी रोहित को दे दिया. सोनिया को बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच उसके पति प्रीतम को तलाश रही है, इसलिए जैसे ही प्रीतम का मोबाइल एक्टिव हुआ तो पुलिस की टीम प्रीतम के पीछे आई. प्रीतम तो नही मिला लेकिन क़त्ल की एक साल पुरानी वारदात सामने आ गई.