आडिट आपत्ति के बाद फारेस्ट में कसावट
वन महकमे में अधिकारियों द्वारा किए जाने वाले बेफिजूल खर्च के चलते फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के सभी अधिकारियों को वित्तीय अनुशासन का पालन करने के लिए कहा गया है। वन विभाग ने कहा है कि जिस योजना में और जिस मद के लिए बजट में राशि का प्रावधान किया गया है, उसी काम में राशि खर्च होनी चाहिए अन्यथा वित्तीय गड़बड़ी के लिए आहरण संवितरण अधिकारी जिम्मेदार माने जाएंगे। विभाग में इस तरह के मामलों को लेकर आडिटर जनरल ने भी गंभीर आपत्तियां जताते हुए इसमें कसावट लाने के लिए कहा है।
वन बल प्रमुख कार्यालय से खर्च की लिमिट और योजना मद की राशि खर्च करने के लिए सभी आहरण और संवितरण अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं। इसमें कहा गया है कि अधिकारी बजट प्रावधान और वित्तीय नियमों का पालन करें। प्रदेश में कुछ अधिकारियों द्वारा किए जा रहे खर्च में फाइनेंसियल फार्मेलिटी को अनदेखा किया गया है, इस पर आडिट आपत्तियां सामने आई हैं। साथ ही नए आडिट में भी इस तरह की टिप्पणी की जाती है कि वित्तीय नियमों का पालन करने में लापरवाही की जा रही है।
खुद मानिटरिंग करें और कार्यवाही की रिपोर्ट भेजें
वन मुख्यालय द्वारा जारी निर्देश में फील्ड के अधिकारियों से कहा गया है कि वे खुद इसकी मानिटरिंग करें कि जिस काम के लिए बजट में व्यवस्था है, उसके अनुसार ही काम हो रहा है। यह भी देखें कि जिस काम के लिए बजट दिया गया है उस पर खर्च हो रहा है या नहीं हो रहा है। अफसरों से सामग्री खरीदी में भंडार क्रय और सेवा उपार्जन नियम 2015 का पालन करने के लिए भी निर्देश जारी किए गए हैं। यह भी कहा गया है कि मजदूरी के भुगतान के लिए जो फंड तय है, उसका उपयोग मजदूरी देने के लिए ही किया जाना चाहिए। अगर किसी के द्वारा इस तरह की लापरवाही की जा रही है तो ऐसे अफसरों के विरुद्ध कार्यवाही की जाए और अगर वन मुख्यालय स्तर पर कार्यवाही होना है तो इसके प्रस्ताव शासन को भेजे जाएं।