एमपी में आदिवासी दिवस को लेकर जमकर राजनीति हो रही है। कांग्रेस के नेता आज 9 अगस्त को आदिवासी दिवस मना रहे हैं और सरकार द्वारा 9 अगस्त को आदिवासी दिवस पर अवकाश घोषित ना किये जाने पर एमपी की भाजपा सरकार को घेर रहे हैं।
धार जिले के टांडा में आदिवासी दिवस पर आयोजित रैली में शामिल होने से पहले नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मीडिया से चर्चा में कहा- विश्व आदिवासी दिवस पर मैं देश और प्रदेश के आदिवासियों को शुभकामनाएं देता हूं। लेकिन भाजपा आदिवासियों का दमन कर रही है। आदिवासी दिवस पर छुट्टी नहीं की गई। शासन प्रशासन को कह रखा है कि आप ऐसे कार्यक्रम में न जाएं…क्या भाजपा आदिवासियों को देश की मुख्य धारा में नहीं लाना चाहती? भाजपा जहरीले सांप की तरह आदिवासियों को डस रही है।”
होली, राखी मुहर्रम की छुट्टी तो आदिवासी दिवस पर अवकाश क्यों नहीं
उमंग सिंघार ने कहा- ये कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं हैं। भाजपा जिस तरह से विश्व आदिवासी दिवस का विरोध कर रही है। आप जब हर समाज को छुट्टी दे सकते हैं चाहे होली हो, दीवाली हो, राखी हो या मुहर्रम हो। तो विश्व में आदिवासी मनाया जा रहा तो मप्र सरकार को क्या परेशानी है। मुझे लगता है ऑस्ट्रेलिया में सबसे ज्यादा जहरीले सांप पाए जाते हैं भाजपा उसी जहरीले सांप की तरह हो गई है आदिवासियों को ड़सने के लिए। ये आदिवासियों का अपमान है। और आदिवासियों का ये अपमान हम कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे।

धार जिले के टांड़ा में आदिवासी दिवस के मौके पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के नेतृत्व में रैली निकाली गई।
बीजेपी का जवाब-मोदी के राज में जनजाति वर्ग की बहन राष्ट्रपति बनी
नेता प्रतिपक्ष के बयान पर बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा-भाजपा सबका साथ सबका विकास और सबका सम्मान करने वाला राजनीतिक दल है। कांग्रेस ने अपने राजनीतिक 50 साल के सत्ता के इतिहास में कभी भी राष्ट्रपति आदिवासी नहीं बनाया। आज भारतीय जनता पार्टी ने देश के सर्वोच्च पद पर भी अगर किसी को बिठाया है तो वह भी इस जनजाति समाज की महिला हैं। शबरी माता के मंदिर को पूजने और मंदिरों की प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन भी किसी ने किए तो वह भी भारतीय जनता पार्टी ने किया है। कांग्रेस ने राजनीतिक उपयोग किया है चाहे जनजाति हो, चाहे अनुसूचित जाति हो, चाहे पिछड़ा वर्ग हो। कांग्रेस वोट के खातिर राजनीति करती रही। भारतीय जनता पार्टी इनको परिवार मानती है इनका सम्मान करती है।
रामेश्वर बोले- उमंग का विकास होने से पूरे आदिवासी समाज का कल्याण नहीं होगा
रामेश्वर शर्मा ने कहा- राम के युग में माता शबरी के झूठे बेर भगवान राम ने खाए और मोदी जी के शासन में मोदी जी के प्रधानमंत्री काल में भारत के सर्वोच्च पद पर भी अगर राष्ट्रपति हैं तो वे बहन अनुसूचित जनजाति वर्ग से ही आती है। इसलिए इस बात का ध्यान रखना चाहिए उमंग सिंगार आपका कल्याण होने से पूरे जनजाति वर्ग का कल्याण नहीं होगा। ध्यान रखिए अगर पूजना है तो रानी दुर्गावती का इतिहास पढ़ाओ फिर तुम्हें पता चल जाएगा कि अकबर से झगड़ा क्यों हुआ? दोनों हाथों में लड्डू खाने की कोशिश करते हो और अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति का उपयोग करते हो और बाद में उनको परेशानी में डालते हो।