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पैर सड़ने लगा तो कहा-सरकारी हाॅस्पिटल ले जाओ

ग्वालियर में मरीज के इलाज में लापरवाही और हालत बिगड़ने से नाराज परिजन ने अस्पताल के बाहर चक्का जाम कर दिया। माता-पिता का आरोप है कि उनके बेटे का पैर फैक्चर हो गया था। जिसके लिए उन्होंने अपने बेटे को अस्पताल भर्ती कराया था। अस्पताल के डॉक्टर ने उन्हें बेटे का पैर ठीक होने का भरोसा दिलाया था जिसके लिए उन्होंने एक लाख रुपए से ज्यादा राशि जमा कराई थी। लेकिन, अब उनके बेटे का पैर सड़ने लगा तो हॉस्पिटल वाले उन्हें सरकारी अस्पताल जाने के लिए कह रहे हैं।

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हंगामे और चक्काजाम की खबर लगते ही पुलिस के आला अधिकारी मौके पहुंचे और परिजनों को समझाइश दी।

भराेसा दिलाया कि पैर एकदम ठीक कर देंगे

मुरैना के बानमोर गांव, गल्ला मंडी के पास रहने वाले 18 वर्षीय युवक रामनिवास नाथ का बीते दिनों एक एक्सीडेंट के दौरान पैर टूट गया था।जिसके बाद उसके परिजन ने उसे ग्वालियर के गोविंदपुरी मिलेनियम प्लाजा के पास स्थित नवयुग मल्टी फेसिलिटी हॉस्पिटल में इलाज के लिए दस दिन पहले लाए थे। जिसे डॉक्टरों ने भर्ती कर लिया था।

युवक के माता-पिता को हॉस्पिटल के डॉक्टर ने भरोसा दिलाया था कि वह उनके बेटे का पैर एकदम ठीक कर देंगे। जिसके लिए उन्होंने अस्पताल के डॉक्टर को 1 लाख 50 हजार रुपए भी जमा करा दिए थे, लेकिन पिछले दो दिनों से उनके बेटे का पैर बुरी तरह से सड़ने लगा, तो परिजन ने अस्पताल के डॉक्टर से इसकी शिकायत की। इस पर डॉक्टर उन पर उल्टा ही भड़कने लगे और कहा कि तुम अपने बेटे को यहां से ले जाओ और सरकारी अस्पताल में भर्ती करा दो।

पुलिस ने वापस कराए 90 हजार रुपए

हंगामा की सूचना लगते ही डीएसपी संतोष पटेल अपने बल के साथ अस्पताल पहुंचे और अस्पताल संचालक को दिए गए डेढ़ लाख रुपयों में से 90 हजार वापस करवा दिए। पुलिस की मदद से पीड़ित परिवार को मदद मिली है और उनके बेटे का अन्य अस्पताल में इलाज शुरू हो सका है।

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