मध्य प्रदेश में छन्ना लगाकर होगी गेहूं की खरीद, अंगूठे के निशान से किसान की पहचान
MP Gehu Kharidi 2022: भोपाल (राज्य ब्यूरो)। मध्य प्रदेश में इस बार समर्थन मूल्य पर गेहूं छन्ना लगाकर खरीदा जाएगा। जब किसान उपज लेकर उपार्जन केंद्र पर आएगा तो उसे छन्ने से छानकर लिया जाएगा ताकि गुणवत्तायुक्त अनाज की ही खरीद हो। इससे न तो समितियों को कोई परेशानी होगी और न ही किसानों को भुगतान में समस्या आएगी। उपज किसान की ही हो, यह सुनिश्चित करने के लिए उसकी पहचान अंगूठे का निशान लेकर की जाएगी। आधार के बायोमीट्रिक सत्यापन के बाद ही उपज बेची जा सकेगी। किसान का पंजीयन भी तभी होगा, जब उसका भू-अभिलेख के खाते एवं खसरे में दर्ज नाम का मिलान आधार कार्ड से हो। इसमें अंतर होने पर तहसील कार्यालय से सत्यापन कराया जाएगा और सही होने पर ही पंजीयन मान्य होगा।
समर्थन मूल्य (एक हजार 975 रुपये प्रति क्विंटल) पर उपार्जन 25 मार्च से साढ़े तीन हजार से ज्यादा केंद्रों पर प्रारंभ होगा। सरकार का अनुमान है कि इस बार 140 लाख टन तक गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीद हो सकती है। खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर होने वाली खरीद में गड़बड़ियों को रोकने के लिए व्यवस्था में परिवर्तन किया है। किसानों को पंजीयन कराने में असुविधा न हो, इसके लिए अब एमपी आनलाइन कियोस्क, कामन सर्विस सेंटर, लोक सेवा केंद्र और साइबर कैफे पर जाकर भी पंजीयन करा सकते हैं। इसके लिए उन्हें पचास रुपये शुल्क देना होगा। पंजीयन के समय किसान को बैंक खाता नंबर और आइएफएससी कोड नहीं देना होगा। यह जानकारी सरकार आधार नंबर से लेगी।
कलेक्टरों को विभाग ने निर्देश दिए हैं कि वे किसानों को जागरुक करें कि आधार नंबर के साथ मोबाइल नंबर और बैंक खाते को अपडेट करें ताकि भुगतान में कोई समस्या न आए। गुणवत्तायुक्त उपज की ही खरीद हो, इसके लिए उपार्जन केंद्रों पर छन्ना लगाया जाएगा। किसान उपज को छानकर देगा। इससे फायदा यह होगा कि उपज लेने के बाद उसे अमानक नहीं ठहराया जा सकेगा।
पिछले साल एक लाख टन गेहूं को बाद में अमानक करार दिया गया था। इसका नुकसान समितियों को उठाना पड़ता है क्योंकि उपार्जन से संबंधित सभी जिम्मेदारी उन्हीं की होती है। छन्ना लगाने का काम निजी संस्था को दिया जाएगा और प्रति क्विंटल जो राशि तय होगी, उसका भुगतान किसान को करना होगा। राशि का निर्धारण शासन स्तर से बाद में होगा।
किसानों को बताना होगी फसल की किस्म और उपज बेचने की तारीख
पंजीयन के समय किसानों को भूमि का क्षेत्र, फसल की किस्म आदि की जानकारी देनी होगी। इससे सरकार को आगामी कार्ययोजना बनाने में मदद मिलेगी। किराए पर भूमि लेकन खेती करने वाले, बटाईदार और वन पट्टाधारी किसानों को पंजीयन कराने के लिए पंजीयन केंद्र ही जाना होगा। इन्हें यह भी बताना होगा कि वे कितनी उपज बेचेंगे और उसे भंडारित करके कहां रखा है। किसानों को इस बार उपज बेचने के लिए एमएसएम नहीं भेजे जाएंगे। इसके स्थान पर उन्हें उपार्जन केंद्र, उपज बेचने के लिए लाने की तारीख और स्लाट का चयन करना होगा।
उपज बेचने के लिए आधार नंबर से होगा सत्यापन
विभाग के प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई ने बताया कि पंजीयन कराने और उपज बेचने के लिए आधार नंबर से सत्यापन कराया जाएगा। आधार नंबर से जो मोबाइल नंबर लिंक होगा, ओटीपी उसी पर आएगा। किसान का पंजीयन तभी होगा जब भू-अभिलेख में दर्ज खाते एवं खसरे में दर्ज नाम का मिलान आधार कार्ड में दर्ज नाम से होगा। यदि इसमें अंतर पाया जाता है तो फिर तहसील कार्यालय से सत्यापन कराया जाएगा। सत्यापन में यदि किसान की जानकारी सही पाई ताकि है तो फिर पंजीयन को मान्य किया जाएगा।