पंजीयन कराने में खाद्य कारोबारी नहीं दिखा रहे रुचि
खाद्य सुरक्षा कानून के तहत खाने पीने की वस्तुओं के विक्रय व्यवसाय से जुड़े कारोबारियों को लाइसेंस और अनुज्ञा पत्र लेना अनिवार्य हैं, शासन ने इस पंजीयन के लिए फरवरी 2015 से नियम लागू है, लेकिन कई कारोबारियों ने 7 वर्ष बीतने के बाद भी अपने प्रतिष्ठानों पर खाद्य सामग्री बेचने के लिए लाइसेंस नहीं बनवाएं है। गौरतलब है कि विकासखंड में करीब सैकड़ो खाद्य कारोबारी बिना पंजीयन के कारोबार कर रहे है।
अब खाद्य विभाग के समक्ष कार्रवाई के लिए चुनोतियां है। जिले में खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के पास पर्याप्त अमला नहीं है। जिसके कारण समय पर निगरानी और निरीक्षण की कार्रवाई भी प्रभावित हो रही है। ऐसे मे कैसे कार्रवाई को अंजाम दिया जाएगा, यह बढ़ा सवाल हैं। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग अधिकारी शिवराज पावक अपनी सक्रियता से अब शहर सहित गांवो में भी कार्रवाई करते हुए नजर आ रहे है। इधर एक सबसे खास बात यह सामने आई है कि कई दुकानों पर घरेलू गैस सिलिंडर का इस्तेमाल हो रहा है। जबकि व्यायसायिक कनेक्शन वाला सिलिंडर उपयोग में आना चाहिए। स्थानीय खाद्य अधिकारी कार्रवाई नहीं कर रहे है।
पंजीयन के लिए यह आ रहे दायरे में
जिन खाद्य कारोबारियों का वार्षिक टर्नओवर 12 लाख से अधिक है, उन्हें यह लाइसेंस एवं पंजीयन कराना अनिवार्य है। इस कानून के दायरे में होटल, केटरिंग, टिफिन सेंटर, हाथ ठेले पर खाद्य सामग्री बैंचने वाले, फल बैंचने वाले, दूध बैंचने वाले, अनाज विक्रेता, सरकारी स्कूलों, अस्पतालों, अनाथालयों, वृद्घाश्रमों मे भोजन बनाने वाले भी इस दायरे में है।
पंजीयन की प्रक्रिया
लाइसेंस को फूड लाइसेंस के नाम से भी जाना जाता है। यह लाइसेंस किसी भी ख़ाद्य सामग्री से जुडरुेक व्यापार को चलाने के लिए जरूरी है। क्योंकि ये लाइसेंस प्रमाणित करता है कि आपका ख़ाद्य सामग्री जो आप बनाते है या बेचते है वो उन ़सामग्री की गुणवत्ता को सत्यापित करता है जो सरकार द्वारा निर्धारित किये गए है। जरुरी नहीं कि आप को फ़ूड लाइसेंस ही लेना पड़े केवल फ़ूड रजिस्ट्रेशन करने से भी काम चल सकता है। रजिस्ट्रेशन के लिए अगर आप के व्यापार का वार्षिक टर्नओवर 12 लाख तक है तो आपको रजिस्ट्रेशन करना होता है। लाइसेंस के लिए जरूरी दस्तावोे में पेन कार्ड, पासपोर्ट साइज के फोटो, फूड बिजनेस के मालिक का फोटो प्रूफ, घर के पोसेसन का प्रूफ, अगर एप्लीकेबल हो तो एसोसिएशन/इनकारपोरेशन का सर्टिफिकेट/पार्टनरशिप डीड का आर्टिकल, एफ़बीओ को हैंडल और डील करने के लिए फ़ूड आइटम्स की एक व्यापक लिस्ट, फ़ूड सिक्योरिटी सिस्टम मैनेजमेंट प्लान (फ़ूड रजिस्ट्रेशन के लिए जरुरी नहीं है)।
हम शहर से लेकर गांव-गांव जाकर मिलावटी खाद्य सामग्री की जांच कर रहे है और व्यापारियों से पंजीयन एवं लाइसेंस की जांच कर रहे है। कई प्रकरण एडीएम कोर्ट में लगा रखे है जिसमें जुर्माने होने वाले है। हम जल्द ही सारंगपुर क्षेत्र में कार्रवाई करेंगें।