सागर कलेक्टर व चीफ इंजीनियर को समिति ने लगाई फटकार
मध्यप्रदेश विधानसभा प्राक्कलन समिति ने बीना बांध परियोजना को लेकर सागर कलेक्टर व जल संसाधन विभाग के चीफ इंजीनियर को फटकार लगाई है। समिति के सभापति व सदस्यों ने कहा है कि समय सीमा में सभी प्रभावितों को मुआवजा राशि का वितरण हो जाना चाहिए। साथ ही डूब प्रभावित भूमि, कुएं अन्य सिंचाई के साधन, मकान, शासकीय भवन, सड़कों एवं पुल पुलियों की जानकारी भी शीघ्र उपलब्ध कराई जाए। समिति ने शुक्रवार को बेगमगंज व सागर जिले के राहतगढ़ के बीच बनाई जा रही बीना बांध परियोजना के निर्माण स्थल का निरीक्षण किया। वहां मौजूद सागर कलेक्टर दीपक आर्य एवं जल संसाधन विभाग के चीफ इंजीनियर सहित अन्य जिम्मेदार अधिकारियों की देर शाम तक बैठक चली। कलेक्टर आर्य, बांध निर्माण प्रोजेक्ट मैनेजर भीष्मपाल सिंह, एसडीओ पंकज वाधवानी एवं चीफ इंजीनियर ने बताया कि 2023 तक बांध का निर्माण पूर्ण हो जाएगा। इस पर सभापति रामपाल सिंह ने उन्हें चेताया कि जब तक सभी प्रभावित लोगों का पुनर्वास ना हो जाए और उन्हें मुआवजा वितरण ना हो जाए तब तक पानी का भराव नहीं करें। समिति की सदस्य विधायक नीना वर्मा ने सवाल किया कि मुआवजा कब तक वितरित किया जाएगा तो चीफ इंजीनियर ने बताया कि 6 माह के अंदर सभी प्रभावितों को मुआवजा वितरण कर दिया जाएगा। बांध निर्माण सहित सर्वे के दौरान पाई जाने वाली खामियों के संबंध में जब कलेक्टर व संबंधित अधिकारी संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाए तो समिति ने फटकार लगाई। समिति के पदेन सदस्य विधायक पीसी शर्मा ने सवाल किया कि जो गांव डूब में आ रहे हैं वहां के करीब 1000 लोगों के पुनर्वास की क्या व्यवस्था की है या कर रहे हैं। जिस पर संबंधित अधिकारियों ने बताया कि उनके पुनर्वास के लिए स्थान चयन कर लिया गया है। डूब क्षेत्र से प्रभावित लोगों सहित कौन.कौन सी अचल संपत्ति उसमें आ रही है इसके अतिरिक्त रहवासी आबादी के मकानों, पेड़ों, कुएं, सड़कें, पुल- पुलिया, खेत-खलियान अन्य निजी पेड़ पौधे एवं सभी विभागीय शासकीय भवनों को भी चिन्हित करके पुनर्वास स्थल पर उनकी यथावत स्थापित कराने की व्यवस्था की जाए। समिति को बताए गए बिंदु के संबंध में रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। जिस पर सागर कलेक्टर एवं प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों ने अपनी सहमति देते हुए यथाशीघ्र इस संबंध में बैठक कर समिति को अवगत कराने का आश्वासन दिया ।