कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा का बड़ा बयान
कांग्रेस के सात वरिष्ठ नेताओं ने आज प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में एक साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की। राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा कि देश में मानवीय अधिकारों का हनन हो रहा है। ये तानाशाही है। मैं ऐसे प्रजातंत्र में नहीं रहना चाहता। कश्मीर के लोगों की बात करते हो तो वहां चुनाव तो कराओ।
सभी नेताओं ने लोकसभा चुनाव के लिए जारी पार्टी के मेनिफेस्टो पर बात की।
विवेक तन्खा ने की संवैधानिक न्याय पर बात
मैं आज आप लोगों के साथ संवैधानिक न्याय मुद्दे पर बात करने के लिए आया हूं । मैं इस बात को लेकर पीड़ित हूं कि देश का पार्लियामेंट लगभग नहीं चल रहा है। चलता भी है तो भी, जिस प्रकार से कानून बनते हैं वो प्रजातांत्रिक नहीं है। पार्लियामेंट वन साइड में चलता है। इसको मैं प्रजातांत्रिक नहीं मानता और इस तरह की व्यवस्था में मैं रहना नहीं चाहता हूं। अगर हमें प्रजातंत्र को बदलना है तो अपनी प्रणाली और सोच को भी बदलना पड़ेगा। मैंने यह बात देश के उपराष्ट्रपति को पत्र लिखकर बताई है। जब मेरे नाम के साथ देश के उपराष्ट्रपति ने मुझे कहा था कि “तन्खा जी मैंने नहीं सोचा आप अपनी पार्टी के लीडर के साथ वेल में आ जाएंगे। आप कानून के विद्वान हैं, लोग आपको आइकॉन के तौर पर देखते हैं। लोग आपके बारे में क्या सोचेंगे”
प्रेस कॉन्फेंस में बाएं से मुकेश नायक, दिग्विजय सिंह, जीतू पटवारी, उमंग सिंघार एवं विवेक तन्खा।
कांग्रेस सबको साथ लेकर चलती है
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा, हमें इस बात का दुख है और हम आश्चर्यचकित भी हैं कि क्या कारण है कि जातिगत आधार पर जनगणना नहीं हो पा रही। सामान्य तौर पर हर 10 वर्ष में जनगणना होती है लेकिन 2021 में होने वाली जनगणना नहीं हो पाई। जनगणना होने के बावजूद भी आज तक केंद्र सरकार ने 2021 की जनगणना का कोई आंकड़ा देश के सामने प्रस्तुत नहीं किया। हमारी पहली मांग सामाजिक और राजनीतिक हिस्सेदारी की है।।
उन्होंने कहा कि जब तक जातिगत की जनगणना के आंकड़े सामने नहीं आएंगे हमें यह नहीं पता लगेगा कि आंकड़ों के आधार पर किसकी कितनी हिस्सेदारी है। हम सभी वर्गों के लिए समान अधिकार और हक मिले उसके लिए गारंटी देते हैं। इसके लिए भारतीय संविधान में संशोधन किया जाएगा।
दिग्विजय ने कहा जब से मोदी जी की सरकार आई है उन्होंने कंप्लीमेंट प्लान और ट्राइबल सब प्लान खत्म कर दिया है। आजकल भारतीय जनता पार्टी की रैली में जितना खर्च किया जाता है उतना उनके हित के लिए यह खर्च नहीं होता। इसके लिए भी कानून रूप से अधिकार दिया जाएगा।