एमपी-यूपी के गवर्नर से मिले सीएम मोहन
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के भोपाल प्रवास के दौरान राजभवन के अतिथि गृह में आज मुलाकात की। दोनों प्रदेशों के राज्यपालों ने परस्पर विकास और समन्वय के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने मध्यप्रदेश के हस्तशिल्प कलाकृतियां उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को प्रदान किए। उन्होंने चंदेरी के बुनकरों द्वारा निर्मित अंगवस्त्रम् और ब्रॉस की कलाकृति (कलश) उपहार के रूप में दिए। राज्यपाल मंगुभाई पटेल को उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भगवान श्रीरामलला की प्रतिकृति और इत्र सौंपा। इसके बाद राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को भोपाल राजभवन से उज्जैन के लिए विदाई दी। इसके पहले मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने भी राज्यपाल मंगुभाई और आनंदीबेन पटेल से मुलाकात की।
मंगलवार को सुबह पहले डिप्टी सीएम राजेंद्र कुमार शुक्ल राजभवन पहुंचे, और उन्होंने उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से सौजन्य भेंट की। इसके दो घंटे बाद सीएम डॉ. मोहन यादव भी राजभवन पहुंचे। यहां उन्होंने राज्यपाल मंगु भाई पटेल और यूपी की गवर्नर आनंदी बेन पटेल का से मुलाकात की। राज्यपाल मंगुभाई पटेल दिल्ली में दो और तीन अगस्त को हुई गवर्नर कॉन्फ्रेंस के बाद भोपाल लौटें। वहीं, यूपी की गवर्नर भी आज एमपी के राजभवन में बतौर मेहमान मौजूद रहीं।
दिल्ली में हुई गवर्नर कॉन्फ्रेंस में शामिल होकर भोपाल लौटने के बाद राज्यपाल मंगुभाई पटेल से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मुलाकात की।
पीएम ने प्रभावी सेतु की भूमिका निभाने कहा
दिल्ली में हुई कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्यपालों से कहा था कि लोकतंत्र के सुचारू संचालन के लिए यह जरूरी है कि विभिन्न केंद्रीय एजेंसियां सभी राज्यों में बेहतर समन्वय के साथ काम करें। उन्होंने राज्यपालों को सलाह दी कि वे इस बारे में सोचें कि वे संबंधित राज्यों के संवैधानिक प्रमुख के रूप में इस समन्वय को कैसे बढ़ावा दे सकते हैं?
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यपालों से आग्रह किया कि वे केंद्र और राज्य के बीच एक प्रभावी सेतु की भूमिका निभाएं तथा लोगों और सामाजिक संगठनों के साथ इस तरह से संवाद करें कि वंचित लोगों को शामिल किया जा सके।
उन्होंने कहा कि राज्यपाल का पद एक महत्वपूर्ण संस्था है जो संविधान के ढांचे के भीतर राज्य के लोगों के कल्याण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बैठक में राज्यपालों से कहा कि यह चर्चा के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है। राज्यपाल कैसे विकास को बढ़ावा दे सकते हैं और समाज की सेवा कर सकते हैं, इस मंच से यह तय होगा।