भदभदा के तीन, कलियासोत डैम के 6 गेट खुले
भोपाल में बारिश का कोटा पूरा हो गया है। यहां अब तक 39.2 इंच बारिश हो गई है। रात में ही 4 इंच बारिश हो गई, जबकि 24 घंटे में 4.5 इंच पानी गिरा। रातभर तेज बारिश होने से भोपाल के कई इलाकों में जलभराव के हालात बन गए। वहीं, रविवार सुबह भदभदा के तीन और कलियासोत डैम के 6 गेट खोल दिए गए। दूसरी ओर, भोपाल में पिछले 10 साल में पांचवीं बार सबसे ज्यादा पानी गिरा है। इससे पहले, साल 2022 में 74 इंच बारिश हुई थी। मौसम विभाग ने रविवार को तेज बारिश होने का अलर्ट जारी किया है।
भोपाल की सामान्य बारिश 37.6 इंच है। इस हिसाब से अबकी बार 1.6 इंच पानी ज्यादा गिर गया है। अब भोपाल में जो भी बारिश होगी, वह बोनस रहेगी। जानकारी के अनुसार- रविवार सुबह भदभदा डैम के 11 में से तीन गेट खोल दिए गए। पहले सुबह 6.45 बजे एक और सुबह 8.15 बजे दूसरा और दोपहर करीब 1:30 बजे तीसरा गेट खोला गया। शनिवार भी दो गेट खोले गए थे, लेकिन दोपहर में बंद कर दिए गए थे। वहीं, कलियासोत डैम के भी 13 में से 6 गेट से पानी छोड़ा जा रहा है। भोपाल के पास कोलार डैम में भी पानी की आवक जारी है।
भोपाल की इंद्र विहार कॉलोनी में एक फीट तक पानी भर गया। इससे रहवासियों को परेशानी हो रही है।
अंबेडकर नगर में गिरा पेड़
तेज बारिश की वजह से भोपाल के अंबेडकर नगर के पास कई साल पुराना एक पेड़ गिया गया। बारिश के चलते पेड़ की जड़ें कमजोर हो गई थीं। बीच सड़क पर पेड़ गिरने से ट्रैफिक भी प्रभावित हुआ।
रात में 50 से ज्यादा इलाकों में बिजली गुल
इधर, रात में 50 से ज्यादा इलाकों में बिजली गुल रही। जिससे लोगों की मुश्किलें बढ़ी रही। तुलसीनगर समेत कई इलाकों में यह स्थिति देखने को मिली।
भोपाल में रविवार को कलियासोत डैम के 6 गेट खोल दिए गए।
भोपाल में 23 जून को मानसून एंटर हुआ था। जून, जुलाई और अगस्त में कोटे से ज्यादा पानी गिर गया। यही कारण है कि अगस्त के आखिरी दिनों में ही कोटा पूरा हो गया है। भोपाल की सामान्य बारिश 37.6 इंच है। तेज बारिश की वजह से भोपाल के कलियासोत, भदभदा और केरवा डैम के गेट खुल चुके हैं। वहीं, भोपाल के पास कोलार डैम में भी अच्छा पानी आ गया।
10 साल में 3 बार आंकड़ा 50 इंच के पार
पिछले 10 साल के आंकड़ों पर नजर डाले तो 2016, 2019 और 2022 में 50 इंच से अधिक बारिश हुई थी। 2022 में तो आंकड़ा 73 इंच तक पहुंच गया था। पिछले साल सामान्य से बारिश 30.9 इंच ही पानी गिरा था।