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आठवीं फेल चला रहा था साइबर ठगी गिरोह

सैन्य अधिकारी के साथ 1.78 लाख रुपए की साइबर ठगी करने वाले आठवीं फेलभाजपा नेता समेत चार आरोपियों को साइबर थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपितों ने देश के अलग अलग हिस्सों में लगभग बीस करोड़ की ठगी को अंजाम दिया है। साइबर थाना पुलिस ने आरोपियों को भोपाल से गिरफ्तार किया। कानपुर कोर्ट में पेश करने के बाद आरोपियों को जेल भेज दिया गया है।

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डीसीपी क्राइम आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि चाणक्यपुरी जेके रोड सीपेट कालेज भोपाल निवासी रोहित सोनी आठवीं फेल है और भोपाल में भाजपा का जिलाध्यक्ष ओबीसी के पद पर कार्यरत है। उसके अलावा गिरोह में 12वीं पास कस्बा होसंगाबाद निवासी अक्षय गुरू, मधुबनी बिहार निवासी मनीष कुमार मंडल और पुलिस लाइंस नेहरू नगर भोपाल निवासी मयंक मीणा को गिरफ्तार किया गया है। डीसीपी ने कहा कि मनीष मंडल एचडीएफसी बैंक के सेल्स डिपार्टमेंट में कार्यरत है।

सैन्य अधिकारी की जीवन भर की पूंजी हड़प ली

कैंट निवासी रिटायर सैन्य अधिकारी को व्हाट्स एप के माध्यम से आरोपितों ने सम्पर्क किया था। ज्यादा मुनाफे का झांसा देकर निवेश कराने के नाम पर एक एपीके फाइल के जरिए उन्हें एक फर्जी शेयर और क्रिप्टो करंसी में निवेश करने वाली एप से जोड़ दिया। सैन्य अधिकारियों से आठ अलग अलग खातों में उनकी रिटायर होने के बाद मिली जीवन भर की पूंजी 1.78 करोड़ रुपए आठ अलग अलग खातों में जमा करा लिए। 20 जून 2024 को पीड़ित ने साइबर थाना में तहरीर देकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसके बाद डीसीपी क्राइम ने टीम लगाकर आरोपितों तक पहुंचे और उन्हें गिरफ्तार किया।

आरोपितों के पास यह हुआ बरामद

आरोपितों के पास से पुलिस ने 12 मोबाइल फोन, 3 कीपैड फोन, 1 लैपटॉप, 1 मैकबुक, 1 स्मार्ट वॉच, 5 सिम कार्ड, 1 एटीएम स्वाइप मशीन, 1 हार्ड डिस्क, 1 राउटर, 6 मुहर, 5 पैनकार्ड, 4 क्यूआर कोड, 1 पासपोर्ट, 1 आयुष्मान कार्ड, 33 चेकबुक, 11 बैंक चेक, फाइनेंशियल फर्मों के प्रपत्र और एक सफारी गाड़ी। जिन आठ खातों में पैसे ट्रांसफर कराए गए उनमें बंधन बैंक, फेडरल बैंक, सेन्ट्रल बैंक, एक्सिस बैंक, यस बैंक, कैनरा बैंक, कोटक महिन्द्रा बैंक और पंजाब नेशनल बैंक के खाते शामिल है।

238 शिकायतें और बीस करोड़ की ठगी

डीसीपी क्राइम ने बताया कि आरोपितों के खिलाफ आंध्र प्रदेश, बिहार, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, केरल, कर्नाटक, मेघालय, राजस्थान, तेलंगाना, झारखंड, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, ओडिसा, पंजाब, तमिलनाडु के अलावा उत्तर प्रदेश के आगरा, लखनऊ, चंदौली, गौतमबुद्ध नगर, मऊ, मुज्जफर नगर उन्नाव और कानपुर में साइबर ठगी को अंजाम दिया है। आरोपितों के खिलाफ पूरे देश में 238 शिकायतें दर्ज की जा चुकी है। आरोपितों ने 20 करोड़ रुपए की ठगी को अब तक अंजाम दिया है। डीसीपी क्राइन ने बताया कि इस गिरोह के एक अन्य सदस्य चन्द्रशेखर गुजारे को एक माह पहले गिरफ्तार कर जेल भेजा था।

ऐसे करते थे वारदात

शातिर सोशल मीडिया से मोबाइल नम्बर्स प्राप्त कर लेते थे। उन नम्बरों को अपने फर्जी ट्रेडिंग व्हाट्स एप ग्रुप से जोड़ लेते थे। उस ग्रुप में गिरोह के ही सदस्य पहले से सक्रिय रहते थे। जो कि फर्जी प्रोफिट का मैसेज ग्रुप पर पोस्ट किया करते थे। जिससे पीड़ित सदस्य प्रभावित होकर इनवेस्टमेंट के लिए ग्रुप में मैसेज डाल देते हैं। शुरुआत में थोड़ा पैसा मुनाफे के नाम पर आरोपितों द्वारा वापस भी किया जाता है। उसके बाद वह प्रभावित होकर निवेश शुरू कर देते हैं।

डीसीपी क्राइम आशीष श्रीवास्तव कहते हैं- गिरोह बहुत बड़ा है। इसके सरगना चीन, दुबई और अरमेनिया से संचालन करते हैं। उनके बारे में भी पता किया जा रहा है। साथ ही आरोपित और किसके किसके सम्पर्क में हैं इनके बारे में और जानकारियां जुटाई जा रही है। जल्द दूसरे आरोपितों को गिरफ्तार किया जाएगा। बैंक खातों की डीटेल भी निकलवाई जा रही है।

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