टॉप-न्यूज़

ट्रैफिक सिपाही को 100 मीटर तक घसीटा

ग्वालियर में चेकिंग के दौरान तैनात ट्रैफिक पुलिस के सिपाही को टक्कर मारने और फिर करीब 100 फीट तक कार से घसीटने का मामला सामने आया है। यह घटना चार दिन पहले माधवनगर चौराहे की है, लेकिन सिपाही के साथ हुई घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। एसपी ने मामले को संज्ञान में लेते हुए तुरंत कार्रवाई का आदेश दिया और आरोपी कार चालक की तलाश के निर्देश दिए हैं।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात, पुलिस ने झांसी रोड थाने में सिपाही की शिकायत पर बिना नंबर वाली लाल रंग की कार के चालक के खिलाफ मामला दर्ज किया। कुछ दिन पहले ही इंदौर में भी इसी तरह की घटना हुई थी, जो काफी चर्चित रही थी। उस घटना में भी आरोपी कार चालक ग्वालियर का ही रहने वाला था। लेकिन, इस मामले को चार दिन तक सिपाही का पुलिस महकमा ही दबाने की कोशिश कर रहा था।

मामला 10 अक्टूबर की शाम का

शहर के झांसी रोड ट्रैफिक थाने में तैनात सिपाही बृजेन्द्र सिंह 10 अक्टूबर की शाम 5 बजे माधवनगर चौराहे पर ड्यूटी कर रहे थे। उनके साथ एएसआई सतीशन सुधाकरन और सैनिक राकेश भी मौजूद थे। शाम होते ही उन्होंने वाहनों की चेकिंग शुरू कर दी। तभी एजी ऑफिस पुल की ओर से बिना नंबर की लाल रंग की कार आती हुई दिखाई दी। सिपाही बृजेन्द्र सिंह ने कार चालक को रुकने का इशारा किया, लेकिन चालक ने रुकने के बजाय गाड़ी की स्पीड बढ़ा दी। उसने सिपाही को टक्कर मारी, जिससे सिपाही बोनट पर गिर गया। इसके बावजूद कार चालक ने गाड़ी नहीं रोकी और सिपाही को लगभग 100 मीटर तक घसीटता ले गया।

सिपाही को 10 मिनट बाद आया होश

टक्कर मारने के बाद कार चालक बोनट पर लटके सिपाही को 100 मीटर तक घसीटता ले गया। उसके बाद हरिशंकरपुरम के मोड़ पर तेजी से कार मोड़ दी, जिससे झटका लगकर सिपाही सिर के बल जमीन पर गिरा और बेहोश हो गया। गाड़ी लेकर चालक फरार हो गया। वहीं सिपाही को साथियों ने एक प्राइवेट हॉस्पिटल में दिखाया। दस मिनट बाद सिपाही को होश आया था। किस्मत रही कि सिपाही को कहीं कोई गंभीर चोट नहीं लगी।

इंदौर में भी हुई थी कुछ ऐसी घटना : ग्वालियर में यह घटना इंदौर की घटना से मिलती जुलती है। इससे पहले इंदौर में इस तरह की घटना हुई थी। उस घटना में भी VIDEO सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था। मामले में कार चालक पर इंदौर पुलिस ने सख्त कार्रवाई की थी। इंदौर वाले मामले में कार चालक ग्वालियर का ही रहने वाला निकला था।चार दिन तक अपना ही विभाग नहीं मान रहा था घटना

चार दिन तक अपना ही विभाग नहीं मान रहा था घटना 10 अक्टूबर को घटना के बाद सिपाही ने अपने वरिष्ठ अफसरों को घटना के बारे में बताया, लेकिन इस घटना पर सख्त कार्रवाई करने बदले उसे दबा दिया गया था। चार दिन तक पुलिस महकमे के लोग ही नहीं मान रहे थे कि यह घटना हुई है। जब घटना के सीसीटीवी फुटेज सामने आए और एसपी धर्मवीर सिंह ने वीडियो देखा, तो उन्होंने शासकीय कार्य में बाधा डालने और लापरवाही से वाहन चलाने जैसी गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया।

आरक्षक ने कहा मेरी जान जा सकती थी घटना के संबंध में ट्रैफिक थाना में पदस्थ सिपाही बृजेन्द्र सिंह का कहना है कि उस दिन की घटना को कैसे भूल सकता हूं। उस दिन कार चालक की हरकत से मेरी जान भी जा सकती थी। मेरे सिर में पीछे की तरफ चोट लगी थी और मैं 10 मिनट तक बेहोश रहा था। अभी सोचता हूं तो लगता है कि उस दिन जान जाते-जाते बची है।

https://www.highratecpm.com/npsxwf16?key=565d06ab35720384afe881c0e7364770