दीपावली पर स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवाइजरी
स्वास्थ्य विभाग ने ठंड और ज्यादा आतिशबाजी से होने वाले वायु और ध्वनि प्रदूषण के कारण संभावित स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर एक एडवाइजरी जारी की है। विभाग का कहना है कि प्रदूषण से बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों पर विपरीत असर पड़ सकता है। हवा में मौजूद हानिकारक तत्व जैसे कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और छोटे-छोटे कण (पर्टिकुलेट मैटर) स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह हो सकते हैं।
पहली बार एडवाइजरी में विभाग ने आईसीएमआर की एक रिपोर्ट का जिक्र किया है, जिसमें भारत में होने वाली कुल मौतों का 18 प्रतिशत वायु प्रदूषण से जुड़ी बीमारियों के कारण होना बताया गया है। जब एयर क्वालिटी इंडेक्स 200 से 500 के बीच होता है, तो यह खासकर बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों के लिए खतरनाक हो सकता है। प्रदूषण से आंखों, गले और त्वचा में जलन, सांस लेने में दिक्कत, सिरदर्द और चक्कर आने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों को निर्देश दिए हैं कि वे शिशु रोग, श्वसन रोग, हृदय रोग और न्यूरोलॉजी विभागों में सभी जरूरी संसाधन रखें। सभी स्वास्थ्य केंद्रों में ऑक्सीजन, नेबुलाइजर और वेंटिलेटर होने चाहिए। तेज पटाखों की आवाज से कानों में घंटी बजना, सुनने में कठिनाई और नींद में खलल जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
तेज आवाज वाले पटाखों से बचें स्वास्थ्य विभाग ने जनसमुदाय से अपील की है कि वे दीपावली पर अत्यधिक ध्वनि वाले पटाखों से बचें। विभाग ने “समीर एप” डाउनलोड करने की सलाह दी है ताकि लोग अपने क्षेत्र की वायु गुणवत्ता की जानकारी प्राप्त कर सकें। सुबह और देर रात व्यायाम से बचें क्योंकि इस समय वायु प्रदूषण का स्तर अधिक होता है। लकड़ी और कोयला जलाने से बचें।