जिंदा पति को मृत बताकर रचाई थी दूसरी शादी
ग्वालियर में जिंदा पति का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर दूसरे के साथ धोखा देने के लिए उससे शादी करने के मामले में आरोपी रानी बेगम को धोखाधड़ी के अपराध में दोषी पाते हुए न्यायालय ने चार साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही 24वें अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अजय सिंह ने आरोपी रानी बेगम को धारा 467 के अपराध में भी चार साल के कारावास की सजा सुनाई है।
न्यायालय ने सजा सुनाते हुए कहा-
आरोपी महिला ने रहीस खान के साथ जिस तरह से छल किया है, उसे देखते हुए आरोपी के साथ नरम रुख अपनाया जाना उचित नहीं है।
महिला को 468 के अपराध में तीन साल और 120 के अपराध में तीन साल के सश्रम कारावास और कुल आठ हजार रुपए का जुर्माना किया गया है।
कूटरचित दस्तावेज प्रस्तुत कर लिया सर्टिफिकेट
फरियादी रहीस खान ने ग्वालियर थाने में एक शिकायती आवेदन दिया था। जिसमें कहा था कि उसकी पत्नी रानी बेगम ने उसके जीवित रहते हुए कूट रचित दस्तावेज नगर निगम कार्यालय ग्वालियर में प्रस्तुत किए। इसके बाद फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र 29 अप्रैल 2019 को जारी करवा लिया और रिटायर्ड सूबेदार नौबत सिंह से शादी कर ली। शादी का उद्देश्य सूबेदार की जायदाद और पेंशन हड़पना था।
नौबत सिंह पर भी है मामला दर्ज
फरियादी रहीस खान की शिकायत पर पुलिस ने अपराध से संबंधित दस्तावेजों में विवाह प्रमाण पत्र, शपथ पत्र एवं अन्य दस्तावेज जब्त किए। प्रकरण में नौबत सिंह को भी आरोपी बनाया गया। पुलिस ने आरोपी रानी बेगम को गिरफ्तार कर लिया इस मामले में सह आरोपी नौबत सिंह के न मिलने पर उसे आरोपी घोषित किया गया।