11 जनवरी की शाम लगभग 6 बजे, टीआई राजेंद्र सिंह अपने थाने में काम कर रहे थे, तभी मुखबिर से सूचना मिली कि घाट सिमरिया पुल के नीचे कुछ लोग सफेद रंग की कार में बैठे हैं और धीरे-धीरे बात कर रहे हैं, जिनका इरादा किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने का हो सकता है।
यह सूचना तुरंत वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई और गोसलपुर थाना पुलिस ने क्राइम ब्रांच टीम के साथ मिलकर घाट सिमरिया पुल को घेर लिया। मौके पर सफेद रंग की कार (MP20-CG4407) खड़ी मिली, और पुलिस को देखते ही तीन युवक फरार होने की कोशिश करने लगे। हालांकि, पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
कार की तलाशी के दौरान पुलिस ने पिस्टल, चाकू और बेसबॉल बैट बरामद किया। इसके अलावा, कार की नंबर प्लेट पर “श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना” लिखा हुआ था।
गोसलपुर थाना पुलिस और क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम ने जब तीनों बदमाशों को गिरफ्तार किया, तो उनके पास से 9 एमएम की पिस्टल, जिंदा कारतूस, चाकू और बेसबॉल बैट बरामद हुआ। यह कार आदित्य सिंह राजपूत की थी, जो ग्राम आलगोड़ा का रहने वाला है।
पूछताछ में आदित्य सिंह ने बताया कि उसने कार की नंबर प्लेट पर “श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना” लिखवाया था ताकि अगर पुलिस कभी पूछताछ करती, तो वह अपने आप को करणी सेना का सदस्य बताकर रौब जमा सके। हालांकि, उसने कभी भी करणी सेना को जॉइन नहीं किया था।
गोसलपुर पुलिस ने क्राइम ब्रांच के साथ मिलकर आदित्य सिंह के साथी मनीष राजपूत और आदर्श त्रिपाठी को भी गिरफ्तार किया। ये सभी भी ग्राम आलगोड़ा के रहने वाले हैं।
कम उम्र में ही मारपीट, लूट और अन्य संगीन अपराधों में लिप्त हो गए थे। हालांकि, अभी तक उनके नाम पुलिस रिकॉर्ड में नहीं थे। इन शातिर युवकों ने एक गैंग बना रखा था, जो शाम के समय हाईवे पर अपराधों को अंजाम देता था और फिर कुछ समय के लिए पुलिस की नजरों से बचकर घर में बैठ जाते थे।
आदित्य ने अपनी कार में कभी पुलिस, कभी प्रेस तो कभी राजनीतिक दलों की नेम प्लेट लगा रखी थी, ताकि जब वह अपराध करके भागता, तो रास्ते में कोई उसे न रोके। वह नंबर प्लेट में लाल पट्टी से पुलिस, प्रेस या कुछ और लिखवा लिया करता था।
आदित्य ने हाल ही में खंडवा से करीब 40 हजार रुपए में एक देशी पिस्टल खरीदी थी और वह धीरे-धीरे अपना गैंग बढ़ा रहा था। जेल से छूटने के बाद उसने मनीष और आदर्श को भी गैंग में शामिल किया और अब वह अपने गांव के अन्य युवाओं को भी गैंग में शामिल करने की कोशिश कर रहा था।
जबलपुर एसपी संपत उपाध्याय के निर्देश पर पुलिस अवैध हथियारों के खिलाफ अभियान चला रही है, और इसी के तहत आदित्य सिंह राजपूत की गैंग का खुलासा हुआ है। पुलिस अब गैंग के और भी सदस्यों की तलाश कर रही है।
एएसपी प्रदीप शेंडे ने बताया-
पुलिस ने अवैध हथियार रखने वाले 30 आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है। अवैध हथियार जबलपुर में लाने संबंधित केस की जानकारी के लिए जल्द ही एक टीम खंडवा और बुरहानपुर जाने वाली है।