Rahul Gandhi Raipur Visit: रायपुर एयरपोर्ट पहुंचे राहुल गांधी, मुख्ममंत्री भूपेश ने की अगवानी, भूमिहीन कृषि मजदूरों को देंगे न्याय की पहली किस्त
Rahul Gandhi Raipur Visit: रायपुर (राज्य ब्यूरो)। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी गुरुवार को दोपहर 12 बजे रायपुर एयरपोर्ट पहुंचे। राहुल का मुख्यमंत्री बघेल सहित अन्य नेताओं ने अगवानी की। एयरपोर्ट से वे साइंस कालेज कार्यक्रम स्थल की ओर स्वाना हुए। यहां छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना और राजीव युवा मितान क्लब योजना का शुभारंभ करेंगे। इसके साथ ही महात्मा गांधी की स्मृतियों को संजोने के लिए नवा रायपुर में बनाए जाने वाले सेवाग्राम और छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति का भूमिपूजन करेंगे। वे राजधानी में तीन घंटे रहेंगे। यह आयोजन साइंस कालेज मैदान में होगा। यहां वे सभा को भी संबोधित करेंगे।
अपने प्रवास के दौरान राहुल गांधी सभास्थल पर मजदूरों, मितान क्लब के सदस्यों और गांधीवादी विचारकों के साथ भोजन करेंगे। बस्तर के विकास को लेकर लगाई गई प्रदर्शनी को देखेंगे। इसमें गोधन न्याय योजना से जुड़ी गतिविधियों, आजीविका मिशन, बस्तर संभाग की विशिष्ट पहचान और उपलब्धियों का जीवंत प्रदर्शन किया जाएगा। साथ ही महात्मा गांधी की विचारधारा, युवाओं के योगदान, ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर, शहीदों को नमन जैसे विषयों पर संगोष्ठी-परिचर्चा का आयोजन होगा।
कृषि मजदूरों को तीन किस्त में मिलेंगे छह हजार
राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना में ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर परिवार को तीन किस्त में प्रतिवर्ष छह हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। राहुल गांधी तीन लाख 55 हजार हितग्राहियों के खाते में पहली किस्त के रूप में दो हजार रुपये की राशि जारी करेंगे। इस योजना के लिए बजट में 200 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है। इसके लिए चरवाहा, बढ़ई, लोहार, मोची, नाई, धोबी और पुरोहित जैसे पौनी-पसारी व्यवस्था से जुड़े परिवार और वनोपज संग्राहक पात्र हैं।
सेवाग्राम में गांधी के विचार, चिंतन-दर्शन और गांधीवाद की झलक
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की स्मृतियों को संजोने के लिए वर्धा के सेवाग्राम आश्रम की तर्ज पर नवा रायपुर में सेवाग्राम की स्थापना हो रही है। इसे गांधी के विचार, चिंतन-दर्शन और गांधीवाद के महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। सेवाग्राम के निर्माण में मिट्टी, चूना, पत्थर जैसी प्राकृतिक वस्तुओं का ही उपयोग होगा। यहां गांधीवादी सिद्धांतों, ग्रामीण कला और शिल्प के केंद्र विकसित किए जाएंगे। यहां वृद्धाश्रम व वंचितों के लिए स्कूल भी होगा। सेवाग्राम के जरिए स्वतंत्रता आंदोलन की यादों और राष्ट्रीय इतिहास को जीवंत रखा जाएगा।