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भोपाल में सजा अनोखा बाजार…जहां बिकेंगे ‘रावण

भोपाल में एक अनोखा बाजार सजा है। इसमें कोई सामान नहीं बल्कि रावण के पुतले बिकेंगे। इनकी एडवांस बुकिंग भी हो चुकी है। दशहरे के दिन लोग इन पुतलों को ले जाएंगे। भोपाल में इस बार 7 हजार से ज्यादा छोटे-बड़े रावण के पुतलों का दहन होगा।

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लिंक रोड नंबर-2 स्थित तुलसीनगर, सेकंड स्टॉफ, बांसखेड़ी, ईंटखेड़ी, पंचशील नगर समेत कई स्थानों पर करीब 300 कारीगर पिछले डेढ़-दो महीने से पुतले तैयार कर रहे हैं। अब इन पुतलों को सड़क किनारे सजाकर रख दिया है। यहां 1 से 50 फीट ऊंचे पुतले हैं। जिनकी कीमत 500-600 से 40 हजार रुपए तक है। दशहरे को 2 दिन बचे होने से लोग एडवांस बुकिंग कर रहे हैं।

बड़े पुतले के निर्माण में एक सप्ताह लिंक रोड नंबर-2 पर पुतलों का निर्माण कर रहे कारीगर उमेश बंसल ने बताया, वे 6 से 40 फीट तक ऊंचे पुतले बना रहे हैं। सबसे छोटे पुतले की कीमत 600 रुपए से शुरू होती है। सबसे बड़ा पुतला 40 हजार रुपए का है। बड़ा पुतला बनाने में 6 से 7 दिन तक लग जाते हैं।

मेघनाथ-कुंभकरण के पुतले भी होते हैं साथ कारीगर संजू ने बताया, लोग एडवांस बुकिंग कर रहे हैं। उनके पास 40 से 60 फीट तक के पुतलों की बुकिंग ज्यादा आ रही है। इनकी कीमत 50 हजार रुपए से ज्यादा है। आकर्षक वेशभूषा, हथियार के साथ ही मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले भी साथ में होते हैं।

पटाखों की वजह से बढ़ जाता है रेट कारीगर संजू ने बताया, ये पुतले बिना पटाखों के होते हैं। यदि कोई पुतलों में पटाखे रखवाना चाहेंगे तो उसकी कीमत बढ़ जाएगी। बड़े पुतलों की कीमत ज्यादा है, क्योंकि इसमें बांस, धागा, कपड़ा, पेपर का उपयोग ज्यादा होता है। वहीं, तीन से चार कारीगर काम में लगते हैं।

3 दिन ज्यादा बिक्री होगी कारीगर उमेश ने बताया, एक कारीगर छोटे-बड़े 20 से 25 पुतले तक बना रहा है। पुतले खरीदने के लिए लोग आ रहे हैं। एडवांस बुकिंग भी कई दिन पहले से शुरू हो गई। गुरुवार-शुक्रवार और शनिवार को ज्यादा बिक्री होगी। शनिवार को दशहरा है। ज्यादातर पुतले इसी दिन बिकेंगे।

बारिश के आसार नहीं, इसलिए राहत साल 2022 में तेज बारिश होने की दशहरा पर्व बिगड़ गया था। प्रदेश में दशहरे पर रावण के पुतले को श्रीराम के बाण से पहले ही इंद्र के बाणों का सामना करना पड़ा था। बारिश की वजह से राजधानी भी में रावण के पुतले भीग गए थे। बांसखेड़ी इलाके में कारीगरों को पुतले बस स्टॉप में रखना पड़े थे। इससे उन्हें खासा नुकसान हुआ था। इस बार मौसम साफ होने से कारीगरों ने राहत की सांस ली है।

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