खंडवा में मंगलवार को बाल संप्रेषण गृह का अधीक्षक हरजिंदर सिंह अरोरा रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ा गया। महिला रसोईया की शिकायत पर लोकायुक्त की टीम ने कार्रवाई करते हुए आरोपी को ट्रैप किया। आरोप है कि अरोरा 12 हजार रुपए मासिक वेतन के बदले रसोईया से 2 से 4 हजार रुपए रिश्वत मांगता था।
शिकायतकर्ता रसोईया ज्योति पाल ने बताया कि वह पिछले चार वर्षों से बाल संप्रेषण गृह में कार्यरत हैं और उन्हें जून-जुलाई के महीने का वेतन नहीं मिला था। जब वेतन के लिए अधीक्षक से संपर्क किया तो उसने दो महीने के वेतन के एवज में दो हजार रुपए प्रति माह की रिश्वत की मांग की और पैसे न देने पर नौकरी से निकालने की धमकी दी थी। इसके बाद मैंने इंदौर में रहकर पढ़ाई कर रही बेटी को बताया कि मैं रिश्वत देकर परेशान हो चुकी हूं। तब उसने दोस्त के साथ लोकायुक्त कार्यालय जाकर शिकायत की।
दफ्तर में अलमारी के ऊपर रख दिए थे पैसे लोकायुक्त टीआई आशुतोष मिठास ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद आरोपी और रसोईया की बातचीत का ऑडियो जांचा गया। इसके आधार पर आज अधीक्षक को रंगे हाथों दबोच लिया गया। कार्रवाई के दौरान आरोपी ने रिश्वत के पैसे बाल संप्रेषण गृह के कार्यालय की अलमारी के ऊपर रखे थे, जिन्हें टीम ने जब्त कर लिया।
महिला बोलीं- दो साल तक दो-दो हजार रुपए दिए ज्योति पाल ने आगे बताया कि अरोरा का एक महीने पहले ही खंडवा में पदस्थापन हुआ था, लेकिन इससे पहले भी वह यहां काम करता था। पहले उन्हें नौ हजार रुपए वेतन मिलता था, जिस पर भी वह दो हजार रुपए रिश्वत के रूप में देता था। अरोरा के ट्रांसफर के बाद नए अधिकारी आए तो उन्होंने रिश्वत नहीं ली।
यह मामला महिला एवं बाल विकास विभाग में बड़े पैमाने पर हो रहे भ्रष्टाचार की गंभीर जांच का विषय बन गया है। लोकायुक्त ने आरोपी के खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।
कलेक्टर के नाम पर 50% कमीशन मांग चुका 6 साल पहले हरजिंदर अरोरा ने महिला बाल विकास विभाग में सहायक संचालक के पद पर रहते हुए चाइल्ड होम संचालक से कलेक्टर के नाम पर 50% कमीशन मांगा था। नवजीवन चिल्ड्रन्स होम संस्था की संचालक सिस्टर एमिली ने वाइस रिकार्डिंग में सहायक संचालक अरोरा द्वारा 51 लाख 76 हजार अनुदान राशि में से 50 प्रतिशत कमीशन मांगने की शिकायत की गई थी। जिस आधार पर इंदौर संभागायुक्त ने अरोरा को सस्पेंड कर दिया था। मामले की शिकायत लोकायुक्त तक की गई। लेकिन जांच के दौरान हरजिंदर को क्लीन चिट मिल गई थी।