बदमाश ने बना रखा है रिमांड रूम, ऑटो चालकों की करता हैं पीटाई।
ऑटो चालकों से करते हैं ₹10 ₹20 की अवैध वसूली।
आरपीएफ थाना प्रभारी अनिल कुमार का है खास।
अमजद की प्रताड़ना से तंग आकर ऑटो चालक खुदकुशी करने को मजबूर ।

राजधानी भोपाल के एक नंबर रेलवे स्टेशन पर विगत कई वर्षों से अवैध ऑटो एवं टैक्सी स्टैंड का संचालन गुंडे बदमाशों द्वारा किया जा रहा है। इसके साथ ही 50 ऑटो की लिमिट वाले स्टैंड पर इन बदमाशों द्वारा 250 से अधिक ऑटो खड़े किए जा रहे हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि यह बदमाश और गुंडे द्वारा जिनके नाम अमजद अली, असलम गांधी, शानू उर्फ शाहनवाज और आदिल है। इनके द्वारा फर्जी ऑटो यूनियन के नाम पर दिनभर मेहनत करने वाले ऑटो चालकों से ₹10 से 20 रुपए वसूले जाते हैं। आखिर इन्हें किसने यह हक दिया है कि यह आरपीएफ और जीआरपी की नाक के नीचे वसूली का धंधा निडर होकर चला रहे हैं। लगता है भोपाल स्टेशन जीआरपी और आरपीएफ ने अमजद ,असलम और शानू जैसे क्षेत्र के गुंडे और बदमाशों का भरण पोषण का जिम्मा ले रखा है। आपको बता दें कि अमजद अली क्षेत्र का पुराना निगरानीशुदा बदमाश है। बदमाश अमजद और शानू का मध्य प्रदेश के कैबिनेट मिनिस्टर के साथ भी घनिष्ठ संबंध है। जिसका फायदा उठाकर यह छापरी बदमाश गरीब लोगों पर अपने जुल्म की सारी हदें पार कर रहे हैं।
बदमाश अमजद अली , असलम गांधी और शानू करते हैं ऑटो चलाको से मारपीट गाली गलौज
फिल्मों में आपने देखा होगा कि गुंडे और बदमाशों द्वारा गरीब लोगों पर अत्याचार किया जाता है। और घूसखोर पुलिस कैसे गुंडे और बदमाशों का बचाव करती है। ऐसा ही कुछ हाल एक नंबर रेलवे स्टेशन के ऑटो चालक होता है। जिनपर अमजद असलम और शानू द्वारा अत्याचार की सारी हदें पार कर दी गई है। अवैध वसूली के नाम पर लिए जा रहे 10 से 20 रुपए ना देने पर इन नल्ले बदमाशों द्वारा दिन भर मेहनत कर दो वक्त की रोटी कमाने वाले हैं ऑटो चालकों से गाली-गलौज और मारपीट की जाती है। परंतु आपको जानकर आश्चर्य होगा कि सारी गतिविधियां जीआरपी और आरपीएफ थाने से 10 मीटर दूरी पर हो रहा है।
बदमाशों की जीआरपी और आरपीएफ में इतनी पकड़ दर्ज करवा देते हैं झूठा मुकदमा
अमजद, असलम और शानू नामक नल्ले बदमाशों की पहुंच का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि अवैध रूप से संचालन हो रहे ऑटो/ टैक्सी स्टैंड पर यदि कोई ऑटो चालक फर्जी यूनियन के नाम पर 10 से 20 रुपए देने से मना करता है। तो उसके साथ गाली गलौज और मारपीट करने के बाद थाना जीआरपी में झूठ मामला दर्ज करवा दिया जाता है। घूसखोरी के पैसों से मौज करने वाली आरपीएफ और जीआरपी अपने आकाओं के कहने पर किसी निर्दोष को फसाने में कोई कसर नहीं छोड़ती है। शानू द्वारा बनाई गई फर्जी ऑटो यूनियन यह एक नया हथकंडा है गरीब लोगों को लूटने का क्योंकि शानू को कैबिनेटम मिनिस्टर का समर्थन हासिल है।
हराम की कमाई का अपना मजा
ना कोई अधिकार ना किसी से परमिशन ना किसी का खौफ भोपाल रेलवे स्टेशन के नल्ले बदमाश अमजद, असलम और शानू को हराम की कमाई इतनी रास आ रही है कि कानून का खौफ क्या होता है। यह इन्हें नहीं मालूम क्योंकि आरपीएफ और जीआरपी खुद इनकी हराम की कमाई में हम निवाला वाला और हम प्याला है। जिसके बाद यह बेखौफ होकर अपनी हराम की कमाई के काम को अंजाम दे रहे हैं। और गरीब ऑटो वालों को इन जैसे नल्ले बदमाशों की प्रताड़ना झेलने पड़ रही है।
ऑटो चालकों के शिकायती आवेदन…
आरपीएफ और जीआरपी पुलिस की शंह पर ऑटो चालकों से यूनियन के नाम पर वसूली करने वाले असलम गांधी शानू उर्फ शाहनवाज और अमजद अली के खिलाफ जब ऑटो चालक शिकायती आवेदन देते हैं। तो उन पर कार्रवाई करने के बजाय जीआरपी मामले को रफा दफा कर आवेदन को ठंडा बस्ते में डाल देती है। आखिर आरपीएफ और जीआरपी के खैराती पप्पू कब तक इन जैसे नल्ले और छापरी बदमाशों की फेंकी हुई हड्डी या नोटों की गड्डी लेंगे और गरीब ऑटो चालकों पर हो रहे जुलम में सहभागिता देंगे यह देखना होगा ?
ऑटो वालों पर करता है अमजद तलवारों से हमला
जो भी ऑटो वाला अगर 20 से 30 रुपए नहीं दे तो उसके लिए अमजद ने रेमंड रूम बना रखा है। जिसमें वे उसे ले जाकर जमकर धुनाई करता है। और नपुंसक बनी बैठी जीआरपी और आरपीएफ पुलिस लाचार ऑटो चालकों के विरुद्ध उल्टा मुकदमा दर्ज कर देती है।
आरपीएफ थाना प्रभारी अनिल कुमार देते हैं पीछे से मदद

आरपीएफ थाना प्रभारी अनिल कुमार बदमाश अमजद से मिली भगत कर गरीब ऑटो वालों को प्रताड़ित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। अमजद को संरक्षण देने में अहम भूमिका आरपीएफ थाना प्रभारी अनिल कुमार की है। उसके साथ ही आरपीएफ के आरक्षक शमशेर और मनीष अमजद से वसूली करते हैं।
बजरिया थाने का प्रधान आरक्षक भी चलवाता है अवैध टैक्सी स्टैंड पर अर्टिगा गाड़ी
बजरिया थाना में पदस्थ एक हेड कांस्टेबल की भी इस अवैध टैक्सी स्टैंड पर अर्टिगा गाड़ी टैक्सी में चलवाई जाती है। इसके बाद इन बदमाशों को उस हेड कांस्टेबल का भी संरक्षण प्राप्त है। पुलिस विभाग से ईमानदारी की दो वक्त की रोटी हजम ना होने पर इस हेड कांस्टेबल ने साइड बिजनेस के रूप में बदमाशों के साथ मिलकर अवैध टैक्सी स्टैंड पर ब्रांड न्यू अर्टिगा चलवाने को छोड़ रखी है। अब यह भी ऑटो चालकों पर हो रहे जुलम में बराबर का जिम्मेदार है। जब रक्षक की भक्षक बन जाएंगे तो क्या होगा इस प्रदेश का हाल ।