ग्वालियर हाईकोर्ट ने व्यापार में निवेश कर ऊंचे मुनाफे का झांसा देकर 82 लाख रुपए की ठगी के मामले में आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट माना है कि आरोपी के खिलाफ साक्ष्य पर्याप्त हैं।
शिकायतकर्ता सानिध्य शिवहरे ने क्राइम ब्रांच में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। शिकायत में बताया गया कि ललित देवल, पंकज देवल, विवेकदान गढ़वी, संपत आषिया और विहारिका गढ़वी ने मिलकर व्यवसाय में निवेश पर अधिक मुनाफे का लालच दिया। इस झांसे में आकर शिकायतकर्ता ने 82 लाख रुपए का निवेश कर दिया।आरोपियों ने न तो मुनाफा दिया और न ही मूल राशि लौटाई। आरोपी विहारिका गढ़वी ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की। उसका तर्क था कि उसे झूठा फंसाया है और मामला सिविल प्रकृति का है।
शासकीय अधिवक्ता मोहित शिवहरे ने याचिका का विरोध किया। उन्होंने बताया कि आरोपियों ने पूर्व नियोजित योजना के तहत शिकायतकर्ता को ठगा है। विहारिका की भूमिका सक्रिय रूप से सामने आई है।
कोर्ट ने माना कि मुकदमा अभी प्रारंभिक चरण में है। साक्ष्य पर्याप्त हैं। जमानत देने से जांच और मुकदमे की प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। इन कारणों से कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी।