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Holi 2022 : एक घंटे 12 मिनट रहेगा होलिका दहन का मुहूर्त

भारतीय पंचाग के अनुसार होलिका दहन का पर्व इस साल 17 मार्च को मनाया जाएगा। इस पर्व को होली, लक्ष्मी जयंती, फाल्गुन पूर्णिमा, फाल्गुनी उत्तरा पर्व भी कहा जाता है। ज्योतिष के अनुसार होलिका दहन का शुभ मुहूर्त कई साल बाद भद्राकाल के पुच्छ में रात 8:45 से रात 9:57 तक रहेगा। इसके साथ ही इस साल होलिका दहन पर तीन विशेष योग दग्ध, अमरत्व और गद योग बनने जा रहे हैं।

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दूर होती हैं व्‍याधियां : ज्‍योतिषाचार्य पंडित सौरभ दुबे ने बताया कि इस होली की अग्नि में अपनी सभी शारीरिक, मानसिक व्याधि, किसी प्रकार की सफलता में रुकावट, आर्थिक कष्ट, बला एवं सभी बाधाओं का नाश करने के लिए एक सरल एवं प्रभावकारी उपाय है जिसे कोई भी आसानी से कम खर्च में करके अपनी सभी बाधाओं को होली की अग्नि में भस्म करके जीवन को सुगम बना सकता है। एक श्रीफल अपने एवं परिवार के सदस्यों के ऊपर से 7 बार उतारें। यदि किसी सदस्य को अधिक परेशानी है तो उनके लिए अलग से श्रीफल उतारें। इसके बाद अपने अभीष्ट देवता का ध्यान करके अपनी समस्या को उन्हें बताकर श्रीफल होलिका में डाल दें एवं होलिका की 7 परिक्रमा करके परेशानी दूर करने की प्रार्थना करें एवं अपने एवं ‍परिवार के लिए स्वास्थ्य, यश, दीर्घायु, धन, लाभ आदि की कामना करके हाथ जोड़कर प्रणाम करें तथा घर आकर अपने इष्टदेव को प्रणाम करें तथा घर के सभी बड़े-बुजुर्गों से आशीर्वाद लें। भगवान को फल‍, मिष्ठान्न आदि का यथाशक्ति भोग लगाकर स्वयं ग्रहण करें।

करना चाहिए परिक्रमा : ज्‍योतिषाचार्य पंडित प्रवीण मोहन शर्मा ने बताया कि होलिका दहन के बाद परिवार के सभी सदस्यों को होलिका की तीन या सात परिक्रमा करनी चाहिए। इसके बाद घर से लाए गए जौ, गेहूं, चने की बाली आदि को होली के ज्वाला में अर्पित करना चाहिए। इसके बाद होली की अग्नि और भस्म को घर लेकर आना चाहिए और पूजा के स्थान पर रखना चाहिए।

18 मार्च को खेला जाएगा रंग : होली के त्योहार का विशेष धार्मिक महत्व है। होली पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। रंगों का ये त्योहार लोगों को दुश्मनी भुलाकर गले लगाने की ओर प्रेरित करता है। होली का त्योहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस दिन शाम के समय होलिका दहन किया जाता है और अगले दिन रंग खेला जाता है। इस बार होली 17 मार्च के दिन मनाई जाएगी और रंग 18 मार्च को खेला जाएगा।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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