मध्यप्रदेश शासन ने कर्मचारियों का आईएफएमआईएस (इंटीग्रेटेड फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम) से ई-केवाईसी अनिवार्य कर दिया है। वित्त विभाग ने सभी कलेक्टरों से कहा है कि वे अपने जिले के सभी अधिकारियों-कर्मचारियों का फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम के साथ ईकेवाईसी करा दें। जिन कर्मचारियों और अधिकारियों का ई-केवाईसी 30 जून तक नहीं होगा, उनका जून का वेतन नहीं निकाला जाएगा। विभाग के इस फरमान से प्रदेश के 50 हजार अधिकारी-कर्मचारी प्रभावित हो सकते हैं।
आयुक्त कोष एवं लेखा ने सभी कलेक्टरों को लिखे पत्र में कहा है कि राज्य शासन के स्पष्ट निर्देश हैं कि सभी लोक सेवकों को आईएफएमआईएस के अंतर्गत एम्प्लाई सेल्फ सर्विस प्रोफाइल के माध्यम से अपनी समग्र आईडी को आधार से लिंक करना है। इसे मैप किए जाने के बाद ही अब कर्मचारियों और अधिकारियों का वेतन निकल सकेगा। इसलिए सभी अधिकारी-कर्मचारी ई-केवाईसी सत्यापन का कार्य अभियान के रूप में करें, ताकि जिनका ई-केवाईसी नहीं हो सका है, उनका सत्यापन हो जाए और वेतन निकलने में किसी तरह की दिक्कत न हो।

अब तक 90 प्रतिशत कर्मचारियों का हुआ ई-केवाईसी
मार्च 2024 की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में 6 लाख 6 हजार नियमित कर्मचारी हैं। संविदा एवं स्थायी कर्मी समेत अन्य कर्मचारियों को जोड़ने पर यह आंकड़ा 7 लाख के पार होता है। ऐसे में जबकि सरकार का पहला फोकस नियमित अधिकारी-कर्मचारी हैं तो भी अभियान के दस माह में 90 फीसदी का ही सत्यापन हो सका है। अभी भी 10 प्रतिशत का ई-केवाईसी होना बाकी है।
ऐसे में 50 हजार से अधिक कर्मचारियों का 30 जून से पहले ई-केवाईसी किया जाना जरूरी है। इसके मद्देनजर आयुक्त कोष और लेखा ने कहा है कि जिन कर्मचारी-अधिकारी का आईएफएमआईएस के अंतर्गत समग्र आईडी से आधार की लिंकिंग या मैपिंग नहीं हुई है उनका वेरिफिकेशन अगले 14 दिनों में पूरा करा लिया जाए। ऐसा न होने पर ट्रेजरी से वेतन नहीं निकाला जा सकेगा।
सितंबर 2024 से शुरू हुई है प्रक्रिया
आईएफएमआईएस से समग्र और आधार की लिंक प्रक्रिया सितंबर से शुरू हुई है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने इसको लेकर 2 सितंबर 2024 को पहल पत्र वित्त विभाग को लिखा। इसके बाद 14 सितंबर 2024 को वित्त विभाग ने जिलों को इसके निर्देश जारी किए हैं। आयुक्त कोष और लेखा ने इसको लेकर 23 मई को भी पत्र लिखकर समग्र और आधार को आईएफएमएस से लिंक कराने के लिए रिमाइंडर भेजा था।