खंडवा के CA ने की 45 लाख की ठगी
मोबाइल व्यापार में इंवेस्टमेंट के बहाने 3 युवतियों के साथ ठगी की गई। युवतियां सीए व इंजीनियर है, जो बैंगलोर और पुणे की प्राइवेट कंपनी में जॉब करती हैं। इनके साथ खंडवा के रहने वाले एक सीए ने दिल्ली निवासी दोस्त का हवाला देकर करीब 45 लाख रुपए की ठगी की है। युवतियों को झांसा दिया कि इंवेस्टमेंट करने पर मुनाफा अच्छा होगा। पुलिस ने केस दर्ज कर आरोपी सीए को गिरफ्तार कर लिया है।
टीआई धीरेश धारवाल ने बताया सिंधी कॉलोनी में रहने वाली डाली वासवानी ने आरोपी साहिल शर्मा निवासी दिल्ली व सीए आयुष अग्रवाल निवासी आनंद नगर के खिलाफ शिकायत की थी। आयुष का पंधाना रोड स्थित लैंडमार्क में एसबीजे नाम से दफ्तर भी है। पीड़िता भी सीए है और पुणे में एक कंपनी में जॉब करती हैं। आयुष व पीड़िता स्कूल के समय से परिचित हैं।
आयुष ने डाली, बैंगलुरू में जॉब कर रही इंजीनियर नुपूर सहित एक अन्य युवती को झांसा दिया था कि उसका दोस्त साहिल का दिल्ली में मोबाइल का बड़ा कारोबार है। इंवेस्टमेंट करने पर मुनाफा अच्छा होगा। इस पर डाली ने 26 लाख 68 हजार 500 रुपए, नुपुर से 21 लाख 50 हजार रुपए व एक अन्य युवती से 23 लाख 56 हजार 994 रुपए समय-समय पर अपने व साहिल के खाते में डलवा लिए।
आरोपियों ने करीब 32 लाख रुपए वापस नहीं लौटाए
पुलिस के अनुसार, युवतियों के बयान व तथ्यों के आधार पर दोनों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। दो में से एक आरोपी शहर का सीए (चार्टर्ड एकाउंटेंट) आयुष अग्रवाल है। जबकि दूसरा दिल्ली में रहने वाला उसका साथी साहिल शर्मा है। युवतियों द्वारा दी गई रकम में से आयुष ने डाली को 12 लाख 68 हजार 500 रुपए, नुपूर के 12 लाख 10 हजार व एक अन्य युवती के 7 लाख 9 हजार 360 रुपए नहीं लौटाएं।
परिजन बोले- टीआई ने आरोपी को थाने से छोड़ा
पीड़ित युवती के भाई सनी वासवानी का कहना है कि आरोपी आयुष जैन के खिलाफ लंबे समय से शिकायत कर रहे थे। लेकिन पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही थी। हम लोगों ने सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत की, जहां से लंबे समय बाद हमारी फरियाद सुनी गई और एफआईआर हुई। पुलिस ने आरोपी आयुष जैन को 4 घंटे हवालात में रखा और फिर छोड़ दिया। जब आरोपी जेल ही नहीं जाएगा तो क्या मतलब मिला इतनी लड़ाई लड़ने का।
एएसपी बोले- मामला विवेचना में है
एडिशनल एसपी महेंद्र तारनेकर का कहना है कि थाना मोघट रोड़ पुलिस ने दो लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया है। एक आरोपी को गिरफ्तार किया, जमानती अपराध होने से उसे थाने से ही जमानत दी गई हैं। दूसरे आरोपी को भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।