भाजपा ने मप्र से जार्ज कुरियन को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया है। कुरियन मोदी कैबिनेट में मंत्री हैं। उन्हें ज्योतिरादित्य सिंधिया के लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद उनके बचे राज्यसभा के कार्यकाल के लिए रिक्त हुई सीट पर उम्मीदवार बनाया गया है। नामांकन भरे जाने की बुधवार को अंतिम तारीख है।
कुरियन के उम्मीदवार बनाए जाने के साथ ही मप्र के उन नेताओं को तगड़ा झटका लगा है, जो राज्यसभा में जाने के लिए अपनी दावेदारी प्रस्तुत कर रहे थे। इनमें पहला नाम पूर्व सांसद केपी यादव का था, जो 2019 में सिंधिया को हराकर लोकसभा में पहुंचे थे। इसके बाद 2024 के लोकसभा चुनाव में यादव का टिकट काटकर भाजपा ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को उम्मीदवार बनाया था, उस दौरान अमित शाह ने वादा किया था कि केपी का ख्याल रखा जाएगा। अब जब केपी यादव को न लोकसभा का टिकट मिला, न राज्यसभा का और केपी से किया गया वादा भी टूट गया है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि उनके लिए भाजपा ने क्या सोचा है।
नरोत्तम मिश्रा भी दावेदार थे : पूर्व सांसद केपी यादव अशोकनगर में रक्षाबंधन पर भुजरियों के आयोजन में तो नजर आए। जैसे ही राज्यसभा का नाम घोषित हुआ, वे अपने गांव चले गए। दावेदारी में नरोत्तम मिश्रा का भी नाम था।
कुरियन अलग-अलग मोर्चों में काम करते रहे हैं : जार्ज कुरियन अभी मोदी कैबिनेट में मत्स्य पालन, पशुपालन-डेयरी विभाग के राज्यमंत्री हैं। फिलहाल वे राज्यसभा और लोकसभा के सदस्य नहीं है। इस स्थिति में मप्र से रिक्त सीट पर भाजपा ने उन्हें उम्मीदवार बनाया है।