बाल भवन स्कूल भोपाल में विधिक जागरूकता शिविर
भोपाल के बाल भवन स्कूल में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। इस शिविर का उद्देश्य समाज में जागरूकता फैलाना और आम जनता को कानून से जुड़ी जानकारी प्रदान करना था, ताकि विभिन्न कानूनी मुद्दों के प्रति सतर्कता और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। शिविर में प्रख्यात न्यायाधीशों और विधिक अधिकारियों ने महत्वपूर्ण जानकारी साझा की और बच्चों की जिज्ञासा को भी शांत किया।
शिविर के मुख्य वक्ता, प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज अमिताभ मिश्रा ने कहा, “छोटी सावधानी बड़ी अनहोनी को टाल सकती है।” उन्होंने कानून का पालन करने और सतर्कता बरतने पर बल देते हुए कहा कि हादसों को रोकने की ज़िम्मेदारी हम सभी की है।
विशेष जिला न्यायाधीश राजीव श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में कहा कि सड़क और अन्य हादसों को रोकने के लिए सामूहिक ज़िम्मेदारी और भागीदारी बेहद ज़रूरी है। साइबर क्राइम पर चर्चा करते हुए, प्रथम प्रधान मजिस्ट्रेट किशोर न्याय बोर्ड की श्रुति जैन ने कहा, “साइबर क्राइम का केवल एक ही इलाज है – अवेयरनेस।” उन्होंने साइबर सुरक्षा के महत्व को रेखांकित करते हुए लोगों को डिजिटल माध्यमों पर सतर्क रहने की सलाह दी।
इस अवसर पर बाल भवन की प्राचार्य हुमेरा आरिफ ने कहा, “हमारा उद्देश्य केवल शिक्षा देना नहीं, बल्कि समाज को बेहतर नागरिक भी बनाना है।” उन्होंने इस तरह के आयोजनों की आवश्यकता पर जोर देते हुए बताया कि बच्चों को केवल किताबी ज्ञान तक सीमित न रखकर उन्हें जागरूक और जिम्मेदार नागरिक बनाना आज की जरूरत है
बच्चों के सवाल और वक्ताओं के जवाब
शिविर में भाग लेने वाले बच्चों ने कई जिज्ञासापूर्ण सवाल पूछे, जिनका वक्ताओं ने सरल और प्रभावी जवाब दिया
1. सवाल- “साइबर क्राइम से कैसे बच सकते हैं?”
जवाब- सुश्री श्रुति जैन ने समझाया कि मजबूत पासवर्ड का इस्तेमाल करना, अनजान लिंक पर क्लिक न करना और अपने निजी विवरणों को सुरक्षित रखना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा, “साइबर क्राइम से बचने का सबसे बड़ा हथियार जागरूकता है।”
2. सवाल- “सड़क हादसों को रोकने के लिए हमें क्या करना चाहिए?”
जवाब- पुलिस उपयुक्त श्रीमती शालिनी जवाब दिया कि सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन करना, हेलमेट पहनना, सीट बेल्ट लगाना और गति सीमा का ध्यान रखना अनिवार्य है। उन्होंने कहा, “छोटी सावधानी बड़ी अनहोनी को रोक सकती है।
3. सवाल- “क्या हमें किसी अनजान व्यक्ति से ऑनलाइन बात करनी चाहिए?”
जवाब- सुश्री श्रुति जैन ने स्पष्ट रूप से कहा कि कभी भी अनजान व्यक्तियों से ऑनलाइन बात नहीं करनी चाहिए, खासकर यदि वे आपकी व्यक्तिगत जानकारी मांगें। उन्होंने बच्चों को सतर्क रहने और ऐसी किसी भी स्थिति में माता-पिता या शिक्षकों से बात करने की सलाह दी।
4. सवाल- “क्या हर छोटे अपराध को रिपोर्ट करना जरूरी है?”
जवाब- राजीव श्रीवास्तव ने बताया कि हर अपराध, चाहे वह छोटा हो या बड़ा, समाज के लिए नुकसानदेह होता है और इसे रिपोर्ट करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से अपराधी हतोत्साहित होते हैं और कानून व्यवस्था मजबूत होती है।
शिविर में डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस की सेक्रेटरी आरती शर्मा, जिला एडिशनल सेशन जज प्रशांत शुक्ला, विनय शुक्ला, अरविंद कुमार शर्मा, विशेष न्यायाधीश सुनील दंडोतिया, अतिरिक्त पुलिस उपयुक्त शालिनी दीक्षित और सिविल जज सीनियर डिवीजन तुरेन्द्र प्रताप सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए और समाज को जागरूक करने के इस प्रयास की सराहना की।