इंदौर में नाबालिग बेटी के साथ रेप करने वाले सौतेले पिता को कोर्ट ने तिहरे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। खास बात यह कि कोर्ट ने फैसले में तल्ख टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि
ऐसे मामलों में दयादृष्टि नहीं दिखानी चाहिए जिसमें पिता-पुत्री के पवित्र रिश्ते को कलंकित किया गया हो।
बता दें कि स्पेशल कोर्ट (पॉक्सो एक्ट) ने मंगलवार को ये फैसला सुनाया। कोर्ट के आदेश की कॉपी शुक्रवार को सामने आई।
दोषी सौतेले पिता को इन धाराओं में हुआ आजीवन कारावास
- भादंवि की धारा 376-एबी में आजीवन कारावास और 10 हजार रु. का अर्थ दंड।
- धारा 5 (एल)/6 पॉक्सो एक्ट में आजीवन कारावास और 10 हजार रु. का अर्थ दंड।
- धारा 5 (एन)/6 पॉक्सो एक्ट में आजीवन कारावास और 10 हजार रु. का अर्थ दंड।
परीक्षा हॉल में टीचर को बताई आपबीती, तब हुआ खुलासा इस मामले में पीड़िता कक्षा 9वीं में पढ़ती थी। 10 जनवरी 2023 को वह परीक्षा देने स्कूल गई थी। वहां परीक्षा देते समय वह उदास थी। स्कूल की टीचर ने उससे उदासी का कारण पूछा तब उसने बताया कि सुबह 6.30 बजे घर के लोग सो रहे थे। उस समय उसका सौतेला पिता उसे अपने साथ किचन में ले गया और उसके साथ गलत काम किया।
सौतेले पिता ने 5 जनवरी 2023 को भी उसे स्कूल आने नहीं दिया और घर में अकेला पाकर उसके साथ गलत काम किया था। इस कारण वह उस दिन परीक्षा देने स्कूल नहीं आयी थी। यह भी बताया कि जब वह कक्षा 5वीं में थी, तब से सौतेला पिता उसके साथ गलत काम कर रहा है।

चाइल्ड हेल्पलाइन को सूचना देकर बुलाया पीड़िता की बात सुनकर टीचर ने प्रिंसिपल को बच्ची के साथ हो रही गलत हरकत की जानकारी दी। जिसके बाद प्रिंसिपल ने चाइल्ड हेल्प लाइन को सूचना देकर बुलाया। पीड़िता को टीम के साथ थाना आजाद नगर भेजा गया। वहां पर उसने सौतेले पिता के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
आरोपी पिता के खिलाफ धारा 342, 374(2) (एन), 376(3), 376(2) (एफ), 376 (एबी), 376(2) (के), 506, 354, 313 भादंवि और 5 (पी) (एल)/6 एवं 9 (एन (पी)/10 पॉक्सो एक्ट में केस दर्ज किया गया था। विवेचना दौरान आरोपी को गिरफ्तार किया। फिर कोर्ट में चालान पेश किया।
इंदौर जिला अभियोजन अधिकारी संजीव श्रीवास्तव ने बताया
21 जनवरी को स्पेशल कोर्ट (पॉक्सो एक्ट) ने सौतेले पिता धारा 376एबी और धारा 5 (एल)/6, 5 (एन)/6 पॉक्सो एक्ट में तिहरा आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ 30 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया।
अभियोजन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक सुशीला राठौर ने की है। कोर्ट ने पीड़िता को आई शारीरिक व मानसिक क्षति को दृष्टिगत रखते हुए उसे राशि 4 लाख रुपए प्रतिकर स्वरूप दिलाए जाने के लिए निर्देशित किया है।