Russia-Ukraine Crisis: रूसी संसद ने राष्ट्रपति पुतिन को दी विदेश में बल प्रयोग की अनुमति
Russia-Ukraine Crisis: रूसी संसद के उच्च सदन ने मंगलवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को देश के बाहर बल प्रयोग करने की अनुमति दे दी है। यूक्रेन में अलगाववादियों का समर्थन करने के लिए देश के बाहर रूसी सेना का उपयोग करने की अनुमति देने के लिए मतदान हुआ। इसमें कुल 153 रूसी सीनेटरों ने इस फैसले का समर्थन किया, जिसमें किसी ने भी वोट नहीं दिया और न ही परहेज किया। रूस के विदेश मंत्रालय ने पहले कहा था कि वे अभी पूर्वी यूक्रेन में सेना भेजने की योजना नहीं बना रहे हैं। पुतिन ने फेडरेशन काउंसिल से 2014 से यूक्रेनी सेना से लड़ने वाले अलगाववादियों का समर्थन करने के लिए देश के बाहर सेना के उपयोग को मंजूरी देने के लिए कहा।
यूक्रेन के दो क्षेत्रों को रूस की मान्यता, सेना भेजी
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार देर रात पूर्वी यूक्रेन के अलगाववादी क्षेत्रों दोनेस्क और लुहांस्क को स्वतंत्र घोषित कर वहां “शांति स्थापित” करने के लिए अपनी सेना भेज दी। पुतिन के इस कदम पर विश्वव्यापी प्रतिक्रिया हुई है। अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य यूरोपीय देशों ने इस कदम की कड़ी आलोचना करते हुए कड़े प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। पश्चिमी देशों को आशंका है कि स्थितियां बिगड़ने पर एक बड़ा युद्ध शुरू हो सकता है।
नाटो में शामिल होने का इरादा छोड़े यूक्रेन
पुतिन ने अपने भाषण में आटोमन (तुर्की) साम्राज्य से लेकर हाल के दिनों में नाटो देशों के विस्तार से तनातनी पैदा होने तक का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि रूस चाहता है कि यूक्रेन नाटो में शामिल होने का इरादा छोड़ दे। ऐसे में मैं ऐसा निर्णय कर रहा हूं जो बहुत पहले किया जाना चाहिए था। मैं दोनेस्क पीपुल्स रिपब्लिक और लुहान्स्क पीपुल्स रिपब्लिक को तत्काल मान्यता देता हूं। उन्होंने पहले कहा था कि यूक्रेन यदि नाटो में शामिल होता है तो यह रूस की सुरक्षा के लिए सीधा खतरा होगा।