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शिक्षा मंत्री बोले-बहू को हमसे 1% तकलीफ नहीं थी

स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) इंदर सिंह परमार की बहू सविता परमार के शव का बुधवार को पोस्टमॉर्टम के बाद अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दौरान मंत्री के परिवार और समर्थक चारों ओर थे। लोगों को अस्पताल से लेकर अंतिम संस्कार के दौरान जेब से मोबाइल तक नहीं निकालने दिया गया। पूरे पोचानेर में आत्महत्या का जिक्र तो था, लेकिन कोई कुछ भी बोलने को तैयार नहीं था।सुसाइड के एक दिन बाद मंत्री ने बातचीत में कहा कि हमने सविता के नाम पर ही जमीन ली। एक करोड़ रुपए का कर्ज लिया। उसी के नाम पर वेयरहाउस है। हमारे मन में यदि कुछ होता तो ऐसा क्यों करते? मैं भी चाहता हूं कि पूरे मामले की अच्छे से जांच हो जाए।मंत्री ने कहा- पेंटिंग में रुचि, योग में डिप्लोमा, फिर भी सुसाइडमंत्री ने बताया कि पेंटिंग में रुचि रखने वाली ग्रेजुएट सविता इस समय योग में डिप्लोमा कर रही थी। 2019 में जब शादी हुई, तब वो इंदौर में पढ़ रही थी। दो साल से ही तो आना-जाना हुआ था। न ही मायकेवालों से उसने कोई शिकायत की थी और न ही हमसे। एक प्रतिशत भी तकलीफ हमारे परिवार से नहीं थी। बेटा देवराज (पति) सिक्योरिटी एजेंसी और खेती का काम करता है, उसकी तरफ से भी कोई बात नहीं मिली।पति ने नहीं दी मुखाग्नि, अंतिम यात्रा में भी नहीं दिखासविता को पति देवराज सिंह परमार ने मुखाग्नि नहीं दी, न ही वह मंत्री के घर से 50 मीटर की दूरी पर स्थित श्मशान घाट तक अंतिम यात्रा के दौरान दिखा। इसे लेकर मंत्री से जुड़े लोगों का कहना था कि वह गम में बेहोश हो गया है। तबीयत ठीक नहीं होने की वजह से अंतिम यात्रा में शामिल नहीं हो सका। बताया जा रहा है कि सविता को मुखाग्नि मंत्री के भाई के लड़के ने दी।

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