शासकीय शिक्षक संगठन का भोपाल में सांकेतिक धरना
अतिशेष शिक्षकों के समायोजन, उच्च पद प्रभार, क्रमोन्नति, पदोन्नति, समयमान वेतनमान सहित अन्य मांगों को लेकर शासकीय शिक्षक संगठन सेकंड स्टॉफ स्थित आंबेडकर पार्क में सांकेतिक धरना दे रहा है। इस दौरान शिक्षकों को संबोधित करते हुए संगठन के अध्यक्ष राकेश दुबे ने स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि अधिकारी खुद कन्फ्यूज हैं। वे कभी कुछ निर्देश देते हैं और कभी कुछ।
दुबे ने कहा कि अक्टूबर 2023 में उच्च पद प्रभार प्रक्रिया का पहला चरण हुआ, उस समय संचालक लोक शिक्षण केके द्विवेदी ने एक प्रावधान विलोपित कर दिया, जिसमें कहा गया है कि ‘भविष्य में इस पद का आर्थिक या अन्य कोई लाभ नहीं मिलेगा।’ जैसे ही विधानसभा और लोकसभा के चुनाव खत्म हुए आदेश में फिर लिखने लगे कि वह प्रावधान लागू रहेगा। आप (संचालक) खुद इतने कन्फ्यूज हैं।
वे कहते हैं कि प्राचार्य हायर सेकंडरी और व्याख्याता का पद उच्च श्रेणी शिक्षक या उच्च माध्यमिक शिक्षक से बहुत बड़ा होता है। हम डीए करने के बाद व्याख्याता और प्राचार्य बन सकते हैं, पर हम माध्यमिक शिक्षक से उच्च माध्यमिक शिक्षक नहीं बन सकते हैं। दुबे बोले कि नवीन शिक्षक संवर्ग को क्रमोन्नति में देरी से प्रतिवर्ष 50 से 60 हजार रुपए का नुकसान हो रहा है। क्योंकि हमें एरियर नहीं मिलेगा और राशि नहीं मिलेगी, तो ब्याज भी नहीं मिलेगा।
जबकि पुराने संवर्ग के शिक्षकों को आर्थिक लाभ देरी से दिया जाता है, तो शेष अवधि का एरियर भी दे दिया जाता है। इस कारण शिक्षकों को हर माह 25 प्रतिशत वेतन का नुकसान हो रहा है। वे कहते हैं कि नवीन शिक्षक संवर्ग को अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिल रही है। उससे आसान तो नई भर्ती है। धरने को कार्यकारी अध्यक्ष उपेन्द्र कौशल, महासचिव जितेंद्र शाक्य, संभाग अध्यक्ष कमल बैरागी, जिलाध्यक्ष राजेश साहू सहित अनेक प्रदेश पदाधिकारियों ने संबोधित किया।