अतिक्रमण हटाने गए वन अमले को घेरकर पीटा, वर्दी फाड़ी:दो दर्जन महिला माफिया पर आरोप, रेंजर बोले- पुलिस ने FIR नहीं की
खंडवा में 3 दिन पहले अतिक्रमण हटाने गए वन अमले के साथ मारपीट का मामला सामने आया है। माफिया गिरोह की दो दर्जन महिलाओं ने आरक्षकों को घेर लिया। उनके साथ मारपीट की। वर्दी फाड़ दी तो वहीं पीठ व हाथ-पैरों में लाठी-डंडे से चोट पहुंचाई। मामले में वन विभाग के अफसरों ने पुलिस से लिखित और आरोपियों की नामजद शिकायत की, लेकिन पुलिस ने 3 दिन बीतने के बाद भी एफआईआर नहीं की।
मामला गुड़ी फॉरेस्ट रेंज के तहत अतिक्रमण प्रभावित क्षेत्र भिलाईखेड़ा बीट का है। वन विभाग के मुताबिक, 31 अक्टूबर को कक्ष क्रमांक 749 में अतिक्रमणकारी वन क्षेत्र में ट्रैक्टर से जुताई कर रहे थे। जिसकी सूचना सुबह 9.30 बजे के करीब मिली। कार्रवाई को लेकर मौके पर वन विभाग की टीम पहुंची। टीम को देखते ही ट्रैक्टर वाला कल्टीवेटर छोड़कर भाग निकला। मौके पर कल्टीवेटर को जब्त कर प्रकरण दर्ज किया।
उक्त कार्रवाई कर लौटते समय दोपहर के करीब 2 बजे सरपंच टांडे की करीब 20-25 महिलाओं ने वन अमले को घेर लिया। वन अमले में शांतिलाल चौहान, पंजावराव पंडाग्रे, कैलाश लोवंशी, जितेन्द्र पगारे, मनोज तंवर, भरत भूषण मिश्र और सुरक्षा श्रमिक गनिया शामिल थे। महिलाओं ने उन्हें घेर लिया और उनके साथ मारपीट की। कहने लगी कि यहां से भाग जाओ नहीं तो जान से मार देंगे। इस दौरान ये महिलाएं दराती और डंडे लिए हुए थी। फिर वन अमले की वर्दी फाड़ दी फिर उनके साथ मारपीट की। दो आरक्षकों के शरीर पर चोट के गंभीर निशान है।
रेंजर बोले- कुछ महिलाओं की पहचान की
गुंडी रेंजर नरेंद्रसिंह पटेल के मुताबिक, मारपीट में शामिल महिलाओं में मोनीबाई पति रामसिंग जमरे, सोनीबाई पति अनिल जमरे, देकुबाई पति दिनेश, रानूबाई पति संतोष, आशाबाई पति प्रेमसिंग और शांता भिल्ला पति सरदार सोलंकी की पहचान कर ली गई है। इस संबंध में वन विभाग के साथ पीड़ितों ने थाना पिपलोद पुलिस से शिकायत की। पुलिस को साक्ष्य दिए गए लेकिन पुलिस ने एफआईआर नहीं की।