राज्य से लेकर केंद्र तक 4 एजेंसियां एक्टिव:ईडी ने भी दर्ज किया केस, लोकायुक्त का सौरभ की मां और पत्नी को समन
परिवहन विभाग के पूर्व सिपाही सौरभ शर्मा पर शिंकजा कसने के लिए राज्य से लेकर केंद्र तक 4 जांच एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं। सौरभ के घर से मिली अकूत संपत्ति और कार से मिले 54 किलो साेना और 10 करोड़ नकदी मामले में प्रर्वतन निदेशालय (ईडी) की भी एंट्री हो गई है। ईडी ने मंगलवार को सौरभ और उसके दोस्त चेतन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है। सूत्रों के मुताबिक, केस से संबंधित साक्ष्य और दस्तावेज लोकायुक्त और आयकर विभाग से मांगे गए हैं।
वहीं, लोकायुक्त पुलिस ने सौरभ शर्मा की पत्नी, मां, साली और दो जिगरी दोस्तों चेतन सिंह गौड़ व शरद जयसवाल को नोटिस जारी किया है। सौरभ ने इस सभी के नाम पर बेनामी संपत्तियां खरीदी हैं। इसलिए इनसे पूछताछ की तैयारी है। इसके अलावा, कार और सौरभ के घर और कार्यालय से जब्त सोने को विदेश से आयात करके लाने की आशंका के चलते डीआरआई (डायरेक्ट्रेट ऑफ रिवेन्यू इंटेलीजेंस) की एंट्री होगी। बता दें कि 19 दिसंबर को लोकायुक्त पुलिस ने सौरभ शर्मा के भोपाल स्थित ठिकानों पर छापेमारी की थी।
छापे से पहले पत्नी संग दुबई भाग गया था, लुकआउट नोटिस जारी होगा
सौरभ लोकायुक्त की कार्रवाई से पहले ही पत्नी दिव्या के साथ दुबई फरार हो गया था। तब से वहीं है। अब विदेश मंत्रालय के जरिये सौरभ के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी करने की तैयारी है। इधर, आयकर विभाग उन ज्वेलर्स की भी तलाश कर रहा है, जिनसे ज्वेलरी समेत अन्य कीमती धातु खरीदी गई हैं। इनमें भोपाल के एक ज्वेलर्स का नाम सामने आया है।
इधर, 3 बिल्डर्स पर आयकर छापेमारी खत्म…
जहां सोने वाली कार मिली, वहां कई अफसर-व्यापारियों की बेनामी संपत्ति
मप्र में कंस्ट्रक्शन और रियल एस्टेट कारोबारियों पर आयकर की छापेमारी रविवार को खत्म हुई। पांच दिन चली कार्रवाई में त्रिशूल कंस्ट्रक्शन कंपनी के राजेश शर्मा समेत प्रॉपर्टी डीलर राजवीर सिकरवार और राजकुमार सिकरवार के जरिये करोड़ों रुपए की बेनामी संपत्तियां खरीदने का खुलासा हुआ है। अब इन बेनामी संपत्तियों को अटैच करने की तैयारी है।
इधर, आयकर विभाग की जांच के दायरे में पूर्व मुख्य सचिव और उनके परिवार के लोग, व्यापारी और फिल्मी दुनिया से जुड़े सितारे भी हैं। अफसरों के मुताबिक, इन सभी ने यहां नियमों को ताक पर रखकर बेनामी संपत्तियां खरीदी हैं। इनमें बड़े पैमाने पर स्टाम्प चोरी की भी जानकारी मिली है।
अब आयकर विभाग इन सभी को नोटिस भेजकर जांच में मिले दस्तावेजों की तस्दीक करेगा। इन अफसरों ने सबसे ज्यादा बेनामी संपत्तियां मेंडोरा, मेंडोरी, रातीबड़ और नीलबड़ क्षेत्रों में खरीदी गई हैं। चंदनपुरा क्षेत्र में राजेश शर्मा के जरिये 50 करोड़ रुपए से अधिक की ब्लैक मनी का निवेश किया गया। बीलखेड़ा क्षेत्र में भी पूर्व और वर्तमान ब्यूरोकेट्स ने बड़े पैमाने पर जमीनों की खरीद-फरोख्त की है।
सेंट्रल पार्क में राजेश शर्मा के परिजनों के नाम पर मिले कई प्लॉट आयकर विभाग को त्रिशूल कंस्ट्रक्शन कंपनी के राजेश शर्मा के परिजनों के अलावा बेनामी संपत्ति वाले 8 बड़े प्लॉट के दस्तावेज मिले हैं। इनमें से कुछ पत्नी, परिजनों और कुछ कर्मचारियों के नाम पर हैं। आयकर विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, राजेश शर्मा के जरिये ही काले धन को जमीनों में निवेश कराया गया।
इसमें कई प्रॉपर्टी डीलर्स समेत रियल एस्टेट कारोबारियों का सहयोग मिला। आयकर विभाग अब सभी की भूमिका तय कर रही है। राजेश शर्मा के जरिये ही रायपुर के महेंद्र गोयनका ने चंदनपुरा क्षेत्र की जमीनों में 50 करोड़ रुपए लगाए। ये राशि नकदी के रूप में राजेश शर्मा के पास पहुंची थी।
जांच में बाधक बनने का केस होगा दर्ज : आयकर विभाग की कार्रवाई के दौरान सहयोग करने की बजाय बाधक बनने के मामले में आयकर विभाग कुणाल अग्रवाल और प्रदीप अग्रवाल के खिलाफ केस दर्ज कराएगा। अधिकारियों के मुताबिक ये दोनों जांच के दौरान बाधक बने थे।
सिकरवार की कॉल डिटेल, रोज अफसरों से होती थी बात
प्रॉपर्टी डीलर राजवीर सिकरवार के मोबाइल फोन की जांच में पता चला कि उसकी रोज कई बार प्रदेश के पूर्व और वर्तमान अफसरों से बात होती थी। आयकर विभाग इन कॉल डिटेल की विस्तृत जांच कर रहा है। सिकरवार के फोन में मौजूद कॉल रिकॉर्डिंग में जमीनों की खरीद-फरोख्त समेत किस व्यक्ति के नाम पर जमीन खरीदनी है, यह भी है। राजवीर और राजकुमार सिकरवार के ठिकानों पर नीलबड़, रातीबड़ क्षेत्र में जमीनों के दस्तावेज मिले हैं।
लोकायुक्त जांच में शामिल होगा कार से मिला सोना
डीजी लोकायुक्त जयदीप प्रसाद ने सोमवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि आगे की जांच के लिए 3 सदस्यीय टीम बनाई गई है। चेतन सिंह गौड़ के नाम से रजिस्टर्ड इनोवा कार से आयकर विभाग ने जो सोना और नकदी जब्त की है, उसे लेकर आयकर विभाग से जानकारी ली जा रही है।
इस जानकारी को भी हम अपने प्रकरण की विवेचना में शामिल करेंगे। आरोपी के मकान और दफ्तर में छापे के दौरान मिली संपत्ति से जुड़े दस्तावेजों की स्क्रूटनी शुरू कर दी गई है। अब तक की विवेचना में सौरभ के घर और दफ्तर से 7.98 करोड़ रुपए की चल संपत्ति की जानकारी मिली है। उसकी अचल संपत्तियों के अलावा बैंक खातों की पड़ताल जारी है।
सौरभ-शरद के रिश्तेदारों ने खोला रेस्टोरेंट : जांच में खुलासा हुआ है कि सौरभ और उसके एक और सहयोगी शरद जायसवाल के रिश्तेदारों ने काली कमाई से चूना भट्टी क्षेत्र में एक रेस्टोरेंट खेाला है। आयकर के अधिकारियों के मुताबिक रेस्टोरेंट में भारी-भरकम निवेश किया गया है।