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एमपी में 17 लाख ठगे, महाराष्ट्र में मिली 4 लाशें

पांढुर्णा जिले की मातृ सेवा इंडिया नीति लिमिटेड चिटफंड कंपनी के डायरेक्टर गणेश पचौरी, उसके भाई और माता-पिता के शव नागपुर के घर में फंदे पर लटके मिले हैं। माता-पिता और भाई के हाथ बंधे मिले, जबकि गणेश पचौरी के हाथ खुले थे। गणेश पर 17 लाख रुपए के गबन का आरोप है। मामले में वह जमानत पर बाहर था।

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पुलिस को गणेश पचौरी की जेब से सुसाइड नोट मिला है, जिसमें परिवार के सभी सदस्यों के हस्ताक्षर हैं। इसमें लिखा है कि वह पांढुर्णा में दर्ज केस से तनाव में था। आज चारों के शवों का नागपुर मेडिकल कॉलेज में पोस्टमॉर्टम किया जाएगा।

नागपुर ग्रामीण अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गणेश धूमाल ने बताया, महाराष्ट्र में नागपुर जिले के मोवाड गांव के वार्ड 5 के मकान में गणेश पचौरी, पिता विजय पचौरी, मां माला पचौरी और छोटा भाई दीपक पचौरी के शव फंदे से लटके मिले हैं। पुलिस जब यहां पहुंची को गेट अंदर से बंद था। हॉल में दीपक, बीच के कमरे में पति-पत्नी और एक दूसरे रूम में गणेश का शव मिला है। नागपुर की फोरेंसिक टीम ने भी यहां पहुंचकर सेंपल इकट्ठा किए हैं।

गबन के केस में जेल में था गणेश पांढुर्णा थाने में पदस्थ उप निरीक्षक लखन भीमते ने बताया, पांढुर्णा पुलिस थाने के सामने शर्मा कॉम्प्लेक्स में मातृ सेवा इंडिया नीति लिमिटेड संस्था संचालित होती थी। इसे गणेश पचौरी 22 मार्च 2023 से चला रहा था। गबन उजागर होने के बाद संस्था पर ताला लग गया।

14 फरवरी 2024 को गणेश पचौरी सहित संस्था के तीन कर्मचारियों पर 17 लाख रुपए के गबन का मामला दर्ज किया गया। आरोपी गणेश को छिंदवाड़ा जेल भेज दिया गया था। कुछ दिन पहले ही वह जमानत पर बाहर आया था। तभी से वह अपने गांव महाराष्ट्र के मोवाड में रह रहा था।

फाइनेंस कंपनी ने लोगों को लगाया लाखों का चूना मातृ सेवा इंडिया निधि लिमिटेड चिटफंड कंपनी ने एफडी और आरडी के नाम पर कई लोगों से लाखों रुपए जमा कराए। कंपनी के कर्मचारी खातेदारों से रोजाना घर-घर जाकर रुपए वसूलते थे। कंपनी ने तकरीबन 17 लाख रुपए का गबन किया था। शिकायत के बाद सभी आरोपियों को फरवरी 2024 में गिरफ्तार कर लिया गया था।

पत्नी से भी पैसों को लेकर धोखाधड़ी की गणेश पचौरी ने एमबीए किया है। इसके बाद महाराष्ट्र के पुणे शहर में नौकरी की थी। इसके कुछ सालों बाद पांढुर्णा आकर मातृ सेवा इंडिया नीति लिमिटेड संस्था खोली। गणेश के पिता रिटायर्ड शिक्षक थे। पुलिस जांच में सामने आया है कि कि गणेश ने पत्नी से भी पैसों के लेन-देन को लेकर धोखाधड़ी की थी, जिससे वह गणेश को छोड़कर चली गई।

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