त्योहारों के बीच सड़क पर ओपन बार
त्योहारों का समय है। देर शाम महिलाएं बच्चे परिवार के साथ झांकी, गरबों के लिए निकलते हैं। लेकिन, शहर भर में फैली शराब दुकानों के बाहर चल रहे ओपन बार के पास से गुजरना मुश्किल हो जाता है। प्रदेशभर में साल 2023-24 में अहाते बंद कर दिए गए थे। कहा गया था कि अहाते के कारण आसपास का माहौल बिगड़ता है। अहाते बंद होने से लोगों का बाहर शराब पीना बंद हो जाएगा, लेकिन हुआ इसके उलट।
पहले लोग अहाते में बैठकर पीते थे, अब वे खुले में पीने लगे हैं। मुख्य सड़कों पर इस तरह शराब दुकान के सामने ही शराब पीना सिस्टम के लिए ओपन चैलेंज जैसा है। आबकारी विभाग का कहना है कि शराब पीने वालों के खिलाफ पुलिस और बिना लाइसेंस के दुकान लगाकर सामान बेचने वालों पर नगर निगम को कार्रवाई करना चाहिए।
तीनों एजेंसियों से सीधी बात… हम तो कार्रवाई करते हैं, आगे भी की जाएगी
दीपम रायचूरा, सहायक आबकारी आयुक्त
शराब दुकान के सामने शराब पीने वालों पर कार्रवाई क्यों नहीं की जाती?जवाब – शराब दुकान का संचालन आबकारी नीति के तहत किया जाता है। नियम विरुद्ध संचालन करने पर दुकान पर जुर्माना लगाने से लेकर लाइसेंस तक रद्द किया जाता है। कई बार एक दिन के लिए लाइसेंस रद्द किया जाता है। अवैध रूप से शराब पिलाने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। दुकान के बाहर शराब पीने वालों पर पुलिस और सामने गुमठियों पर नगर निगम द्वारा कार्रवाई की जाना चाहिए।
हरिनारायणचारी मिश्र, पुलिस कमिश्नर
शराब दुकान के सामने लोग खुले में शराब पीते हैं, पुलिस क्यों नहीं रोकती?जवाब -ऐसा नहीं है। आप दुकानों के नाम बताएं। हम उन पर कार्रवाई करेंगे। सार्वजनिक स्थलों और खुले में शराब पीना आपराध है। पुलिस समय-समय पर कार्रवाई करती है। शहर भर में रात के समय 17 से ज्यादा पाॅइंट पर शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करती है। सभी थाना प्रभारियों को शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों और सार्वजनिक जगहों पर शराब पीने वालों के खिलाफ एक्शन लेने के निर्देश दिए हैं।
हरेंद्र नारायण, कमिश्नर नगर निगम
शराब दुकानों के सामने अवैध गुमठियां लगी हैं। निगम एक्शन क्यों नहीं लेता?जवाब – ऐसा नहीं है कि शराब दुकानों के बाहर अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती है। शराब दुकानों के सामने अगर नियमविरुद्ध तरीके से अतिक्रमण कर गुमठियां लगाई हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। शहर भर में अतिक्रमण के खिलाफ समय-समय पर कार्रवाई की जाती है। इसको लेकर प्लान भी तैयार किए गए हैं। चरणबद्ध तरीके से शराब दुकानों समेत शहरभर के अतिक्रमण को आवश्यकतानुसार हटाए जाने की कार्रवाई की जाएगी।
सार्वजनिक जगहों पर खुले में शराब पीना अपराधशहर में 87 शराब दुकानें हैं, जो प्रमुख सड़कों पर हैं। यहां शाम 5 बजे के बाद वाहन सड़क पर ही पार्क होने लगते हैं। रात 9 से 10 बजे तक संख्या बहुत बढ़ जाती है। इससे ट्रैफिक जाम होता है। दुकानों के गार्ड ग्राहकों के लिए शराब लाने में जुटे रहते हैं।
मिलीभगत का खेल भी… देररात दुकान से बिक रही शराबशराब दुकानों के बंद होने का समय रात 11:30 बजे है। इसके बाद दुकान खुलने पर पुलिस और आबकारी कार्रवाई कर सकते हैं। दुकान वक्त पर बंद हुई है या नहीं, इसकी पुष्टि के लिए पुलिसकर्मी 11:30 बजे फोटो लेते हैं। फिर भी देर रात को दुकान से शराब बिक रही है।