बगरोदा की बंद फैक्ट्री में पकड़े गए 1814 करोड़ के मेफेड्रोन (एमडी) ड्रग्स मामले के आरोपी अमित चतुर्वेदी, हरीश आंजना और प्रेमसुख पाटीदार के राजदार एनसीबी के रडार पर हैं। संदेह के आधार पर मंदसौर में करीब 12 लोगों से पुलिस पूछताछ कर चुकी है। इधर भोपाल में जांच एजेंसी आधा दर्जन लोगों को राउंडअप कर चुकी है।
जांच में सामने आया है, अमित व हरीश नासिक के सान्याल से एमडी ड्रग्स बनाने का तरीका भी सीख रहे थे। केमिकल सप्लायर होने की वजह से अमित पहले से बारीकियां समझता था। वहीं किराए के फ्लैट पर रुकने वाला हरीश भी फैक्ट्री इसी वजह से आता था। नेटवर्क खड़ा करने के साथ हरीश गुजरात से केमिकल भी लाता था। गिरोह का मकसद देशभर में बड़ा एमडी नेटवर्क खड़ा करना था। महाराष्ट्र में सान्याल के संपर्क में कौन था। जांच एजेंसी इसका पता कर रही है। जेल में सान्याल किन बंदियों के संपर्क में आया। इस पर भी जांच एजेंसी की निगाह है।
इधर, एसके सिंह को फैक्ट्री का प्लॉट बेचने वाला जयदीप अब भी पुलिस की पकड़ से दूर है। पुलिस उसके करीबियों के पास पहुंची है। जयदीप की सीडीआर भी निकाली गई है। उधर राजस्थान के शोएब लाला की तलाश भी तेज कर दी गई है।
प्रेमसुख से जल्द पूछताछ -पैर में गोली मारकर पहुंचे आरोपी प्रेमसुख पाटीदार को कड़ी सुरक्षा में रखा गया है। जांच एजेंसी उससे एक-दो दिन में पूछताछ कर सकती है। मंदसौर पुलिस ने प्रेमसुख के कई करीबियों को राउंडअप किया है। इधर भोपाल पुलिस फैक्ट्री जांच का अभियान लगातार जारी रखेगी।