कांग्रेस नेताओं से ज्ञापन लिया, सांसद ने भी थमा दिया
मध्यप्रदेश में बढ़ते रेप, गैंगरेप और खासकर बच्चियों से यौन शोषण के विरोध में कांग्रेस ‘बेटी बचाओ’ अभियान चला रही है। सोमवार को कांग्रेस नेता इस अभियान के तहत बीजेपी के सांसद, विधायकों, जिले प्रभारी मंत्रियों को ज्ञापन दे रहे हैं।
भोपाल में कांग्रेस नेता जब सांसद आलोक शर्मा को ज्ञापन देने पहुंचे, तो उन्होंने ज्ञापन तो ले लिया, लेकिन अपनी ओर से भी एक ज्ञापन उन्हें थमा दिया। सांसद ने मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी को फोन पर कहा, ‘मां, बहन, बेटी पर किस कांग्रेस नेता ने क्या टिप्पणी की, इसकी समीक्षा भी करें।’कांग्रेस के शहर अध्यक्ष प्रवीण सक्सेना के नेतृत्व में महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष विभा पटेल, पूर्व मंत्री पीसी शर्मा, जेपी धनोपिया, कार्यवाहक जिला अध्यक्ष राजकुमार सिंह सांसद को ज्ञापन देने पहुंचे थे। इस दौरान पीसी शर्मा ने पीसीसी चीफ पटवारी को फोन लगाकर सांसद को दे दिया।
पीसीसी चीफ से सांसद बोले- एक पत्र आपको भी भिजवा रहा हूं
पीसीसी चीफ से फोन पर बात करते हुए सांसद आलोक शर्मा ने कहा, ‘आप लोग अभी ज्ञापन देने आए हैं, मैं ज्ञापन ले रहा हूं। ज्ञापन के सभी पॉइंट्स पढ़ूंगा और उचित फोरम पर रखूंगा। लेकिन, एक निवेदन करना चाहता हूं कि आप लोग महिलाओं, बहनों – बेटियों के संवेदनशील मुद्दे पर ज्ञापन देने आए हैं, इसलिए आप इस बात की भी समीक्षा करें कि हमारी कांग्रेस पार्टी में कब – कौन से नेताओं ने किस तरह के स्टेटमेंट दिए हैं।’
सांसद ने आगे कहा, ‘मुझे लगता है कि इस प्रकार के स्टेटमेंट से बचना चाहिए, क्योंकि मां, बहन, बिटिया समाज का संवेदनशील मुद्दा होता है। कोई भी राजनीतिक दल हो, सबको बहन – बेटियों के मामले में बचना चाहिए। एक पत्र आपको भी जिला अध्यक्ष जी के साथ भिजवा रहा हूं।
एक साल की अबोध से लेकर 75 साल की बुजुर्ग तक सुरक्षित नहीं कांग्रेस नेताओं के ज्ञापन में कहा गया, ‘मध्यप्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में लगातार 1 साल से लेकर 10 साल और 70-75 साल तक की बुजुर्ग महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनाएं लगातार हो रही हैं। छोटी-छोटी बच्चियों के साथ बलात्कार और हत्या होना आम बात हो गई है। महिला अत्याचार में प्रदेश राष्ट्रीय स्तर पर नंबर एक पर पहुंच गया है। इससे समस्त प्रदेश वासियों का सिर शर्म से झुक गया है।’