भोपाल की हनुमानगंज पुलिस की हिरासत में आरोपी की मौत के मामले की न्यायिक जांच शुरू कर दी गई है। गुरुवार दोपहर बॉडी का पीएम कराया गया। इस दौरान परिजनों और परिचितों ने मॉर्चुरी परिसर में हंगामा किया। उनकी मांग थी कि जिन दो पुलिसकर्मियों ने युवराज मांझी को गिरफ्तार किया, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। एडिशनल डीसीपी शालिनी दीक्षित ने निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है।
जांच के बाद लापरवाही बरतने वालों पर जिम्मेदारी तय करने का भरोसा दिलाया है। परिजनों की ओर से कार्रवाई की मांग को लेकर एक ज्ञापन भी एडिश्नल डीसीपी को सौंपा है। इधर सुरक्षा के लिहाज से मॉर्चुरी परिसर में तीन थानों के टीआई दो एसीपी और भारी पुलिस की तैनाती रही। बुधवार को कोर्ट में पेशी के दौरान तबीयत बिगड़ने के बाद युवराज की मौत हो गई थी।
मां बोली- आखिरी मुलाकात में बेटे ने कहा था मेरे साथ रहो
मृतक युवराज मांझी की मां मीना का कहना है कि आखिरी मुलाकात में बेटे ने पुलिस हिरासत में घबराते हुए कहा था, आप मत जाओ मुझे छोड़कर मेरे साथ ही रहो। पुलिसवाले कुछ कर देंगे, मैने उसे भरोसा दिलाया कि कुछ नहीं होगा। तू जल्द ही छूट जाएगा। इसके बाद एक पुलिसकर्मी ने मुझे थाने से बाहर कर दिया। मैं उसे दलिया खिलाना चाहती थी, नहीं खिलाने दिया। मुझे पता था, वह कुछ और खाने की हालत में नहीं है। गंभीर बीमारियों से ग्रस्त है। शराब पीने का आदि रहा है, हाल ही में टीबी अस्पताल से उसकी छुट्टी कराई है।
लेकिन पुलिस को यह सब ढोंग लग रहा था। पेशी के दौरान उसे चार घंटे कोर्ट में बैठाकर रखा गया। उसे खाना पीना कुछ नहीं दिया, बेटा बेहद कमजोर था, इस कारण वह बेहोश हुआ और उसकी जान चली गई। कोर्ट में मौजूद एक महिला पुलिसकर्मी हमसे लगातार बदसलूकी करती रही। मैं बेटे को खाना खिलाना चाहती थी, नहीं खिलाने दिया, इस महिला पुलिसकर्मी ने हमें बेटे से बात भी नहीं करने दी।
जब वह बेहोश हुआ तो बारी-बारी सारे पुलिसवाले चलते बने। उसे अस्पताल भी देरी से पहुंचाया गया। जिस पुलिसवाले ने उसे गिरफ्तार किया, हमसे बदसलूकी की हमने उसके नाम पुलिस अधिकारियों को दिए हैं, उस पुलिसकर्मी और उसके एक साथी पर कार्रवाई होना चाहिए।
पुलिस बोली- 9 वाहन चोरी के मामले में गिरफ्तार किया
हनुमानगंज पुलिस ने युवराज सहित तीन आरोपियों को मंगलवार को गिरफ्तार किया था। बुधवार को कोर्ट में पेश किया गया था। आरोपियों के पास से चोरी की गई 9 दो पहिया वाहन बरामद किए गए थे। इन आरोपियों के खिलाफ विभिन्न थाना क्षेत्रों में वाहन चोरी और अन्य आपराधिक मामलों में कई एफआईआर पहले से दर्ज हैं। भोपाल स्टेशन के करीब तीनों को वाहन चेकिंग के दौरान रोका गया था।
पूछताछ में आरोपियों ने पूर्व में कई चोरी की वारदातों को अंजाम देना स्वीकार किया। आरोपियों में 22 वर्षीय महेश बघेल निवासी सीहोर, 23 वर्षीय राजू मंडलोई निवासी बिलकिसगंज झागरिया जिला सीहोर के रूप में की गई थी। तीसरा आरोपी 32 वर्षीय युवराज मांझी था। आरोपियों के कब्जे से जब्त वाहनों की कीमत पांच लाख रुपए से अधिक बताई जा रही है।

एडिशनल डीसीपी बोलीं न्यायिक जांच में सब साफ होगा
एडिशनल डीसीपी शालिनी दीक्षित ने बताया कि युवराज की मौत की न्यायिक जांच कराई जा रही है। जांच में सब साफ हो जाएगा। परिजनों को उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया है। उनकी कुछ मांगे हैं, जिसे लेकर ज्ञापन सौंपा गया है।