टीडीएस कटौती के बाद फर्जी तरीके से टैक्स रिटर्न कराने वाले एमपी और छत्तीसगढ़ के कुछ और चार्टर्ड एकाउंटेंट्स, एजेंट्स और इनकम टैक्स प्रैक्टिशनर्स के यहां आयकर विभाग जल्दी ही छापे की कार्रवाई कर सकता है।
ऐसे कारोबारियों की सूची तैयार कर ली गई है और इसमें बड़े खुलासे की संभावना है। सोमवार को इंदौर, रतलाम, उज्जैन, रीवा और जबलपुर में कुछ ऐसे ही कारोबारियों के ठिकानों पर सर्वे और सर्च की कार्रवाई विभाग कर चुका है।
नए इनकम टैक्स रिज्यूम लागू होने के बाद टीडीएस रिटर्न कराने वालों पर आयकर विभाग की नजर है। देशभर में चालीस हजार से अधिक ऐसे लोगों को चिह्नित किया गया है। जिन्होंने एक ही आईडी, कम्प्यूटर, लैपटॉप से रिटर्न फाइल किए हैं।
इसकी जांच के बाद आयकर विभाग ने पाया है कि इनमें से कई रजिस्टर्ड फर्म, चार्टर्ड एकाउंटेंट, इनकम टैक्स प्रैक्टिशनर्स और एलआईसी एजेंट्स भी शामिल हैं। जिन्होंने टीडीएस कटौती के बाद रिटर्न दाखिल करने का काम कराया है और रिटर्न आने के बाद संबंधित व्यक्ति से 25 फीसदी तक कमीशन लिया है।
देशभर में 1045 करोड़ की टैक्स चोरी का खुलासा
आयकर विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, इस तरह की गतिविधियों में 1,045 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी का खुलासा देशभर में हुआ है। ऐसे में इन गतिविधियों को रोकने और टैक्स चोरी कराने वालों पर कार्रवाई के लिए देशभर में अभियान शुरू किया गया है।
बताया जाता है कि जल्दी ही एमपी और छत्तीसगढ़ के कुछ और प्रैक्टिशनर्स, एजेंट्स, सीए के यहां सर्च और सर्वे की कार्रवाई आयकर विभाग करने वाला है। इसी कड़ी में सोमवार को एमपी के जबलपुर, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, रीवा और छत्तीसगढ़ में मनेन्द्रगढ़, चिरमिरी समेत एक अन्य जिले में 13 ठिकानों पर आयकर विभाग के अफसरों ने सर्च और सर्वे की कार्रवाई की है। इस दौरान लैपटॉप, कंप्यूटर समेत अन्य सामान जब्त किए गए और इस तरह के काम करने वालों के मनी ट्रांजैक्शन की जांच की जा रही है।