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महादेव सट्टा ऐप का प्रमोटर सौरभ चंद्राकर दुबई में गिरफ्तार

महादेव सट्टा ऐप का संचालन करने वाले सौरभ चंद्राकर को इंटरपोल के अधिकारियों ने दुबई से गिरफ्तार कर लिया है। दुबई की पुलिस और स्थानीय फोर्स के साथ मिलकर CBI और ED के अधिकारियों ने सौरभ चंद्राकर से जुड़ी हर डिटेल इंटरपोल को दी थी। 7 दिन के अंदर भारत लाया जा सकता है।

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बताया जा रहा है कि गिरफ्तारी के बाद इंटरपोल के अफसर ने भारतीय विदेश मंत्रालय को खबर दी है। अब सौरभ चंद्राकर को भारत और फिर जल्द ही रायपुर लाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए दस्तावेजी काम अफसर जल्द से जल्द निपटा रहे हैं।

दुबई में अपनी पहचान छुपाकर रुके हुए थे अधिकारी

प्रवर्तन निदेशालय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक लंबे वक्त से अधिकारी दुबई में अपनी पहचान छुपाकर रुके हुए थे। सौरभ चंद्राकर के ठिकानों के आसपास अधिकारी नजर रख रहे थे। इसके बाद मौका मिलते ही सौरभ चंद्राकर को गिरफ्तार कर लिया गया है।

अरबी भाषा में तैयार किया गया दस्तावेज

सौरभ चंद्राकर की UAE में गिरफ्तारी की सूचना मिलने के बाद शुक्रवार को रायपुर ED की ओर से PMLA कोर्ट से प्रत्यर्पण संबंधित दस्तावेज विदेश मंत्रालय को फॉरवर्ड किए गए हैं। प्रत्यर्पण संबंधित जितने भी दस्तावेज हैं वे ओरिजिनल अंग्रेजी और हिंदी वर्जन से अरबी भाषा में ट्रांसलेट किया गया। ताकि प्रत्यर्पण के प्रोसेस में किसी प्रकार से कोई दिक्कत ना आए।

UAE एंबेसी को भेजा जाएगा डॉक्यूमेंट

सौरभ चंद्राकर को गिरफ्तार करने के बाद एजेंसियां उसे जल्द से जल्द भारत वापस लाना चाहती है। ऐसे में भारत से की जाने वाली सभी कागजी कार्रवाई पूरी कर ली गई है। सारे डॉक्यूमेंट्स को भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से संयुक्त अरब अमीरात (UAE ) एम्बेसी को भेजा जाएगा।

रेड कॉर्नर नोटिस के बाद एक्शन

चंद्राकर के प्रत्यर्पण यानी उसे भारत लाए जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। प्रवर्तन निदेशालय के लिए सौरभ चंद्राकर वांटेड था। इंटरपोल के रेड कॉर्नर नोटिस के बाद इस पर कार्रवाई की गई है। विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय भी इस एक्शन में शामिल रहा।

यह एक नया दौर है, जहां किसी को बख्शा नहीं जाएगा

प्रदेश के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने इस गिरफ्तारी की खबर सामने आने के बाद कहा है कि यह एक नया दौर है, जहां किसी को बख्शा नहीं जाएगा। माफिया तत्वों के खिलाफ डबल इंजन की सरकार काम कर रही है। उन्होंने इसे विष्णु सरकार का सुशासन बताया है।

भूपेश बघेल ने उठाए सवाल

पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने पोस्ट कर लिखा कि, बड़ा सवाल यह है कि सौरभ चंद्राकर की गिरफ्तारी में इतना समय क्यों लग गया? कौन बचाना चाहता है उनको? और उससे भी बड़ा सवाल यह है कि महादेव सट्टा ऐप अब तक क्यों और कैसे चल रहा है? डबल इंजन का कौन सा इंजन उसे प्रश्रय दे रहा है?

कौन है सौरभ चंद्राकर

सौरभ चंद्राकर छत्तीसगढ़ के भिलाई का रहने वाला है। उसके पिता नगर निगम में पंप ऑपरेटर थे। सौरभ की एक जूस की दुकान भी थी। 2019 में वो दुबई गया और अपने एक दोस्त रवि उप्पल को भी बुलाया। इसके बाद उसने महादेव ऐप लॉन्च किया और फिर धीरे-धीरे ऑनलाइन सट्टा बाजार का बड़ा नाम बन गया।

ऑनलाइन सट्टेबाजी के लिए बनाया महादेव ऐप

महादेव बेटिंग ऐप ऑनलाइन सट्टेबाजी के लिए ऐप बनाए थे। इस पर यूजर्स पोकर, कार्ड गेम्स, चांस गेम्स नाम से लाइव गेम खेलते थे। ऐप के जरिए क्रिकेट, बैडमिंटन, टेनिस, फुटबॉल जैसे खेलों और चुनावों में अवैध सट्टेबाजी भी की जाती थी। सट्टे के नेटवर्क के जरिए इस ऐप का जाल तेजी से फैला। सबसे ज्यादा खाते छत्तीसगढ़ में खुले। इस ऐप से धोखाधड़ी के लिए एक पूरा खाका बनाया गया था।

चर्चा में रही सौरभ की 200 करोड़ की शादी

फरवरी 2023 में, सौरभ चंद्राकर ने दुबई में शादी की और इसमें लगभग 200 करोड़ रुपए नगद खर्च किए। परिवार को लाने-ले जाने के लिए निजी जेट किराए पर लिए गए। शादी में परफॉर्म करने के लिए सेलिब्रिटीज को बुलाया गया था। वेडिंग प्लानर, डांसर, डेकोरेटर मुंबई से हायर किए गए।

हवाला चैनलों का इस्तेमाल कर इन्हें पैसे दिए गए थे। योगेश पोपट नाम के व्यक्ति की कंपनी आर-1 इवेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी को हवाला के जरिए 112 करोड़ रुपए पहुंचाए गए थे और 42 करोड़ रुपए की होटल बुकिंग करवाई गई थी।

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