मध्यप्रदेश NSUI के प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार को जबलपुर उच्च न्यायालय से शुक्रवार को राहत मिली है। हाईकोर्ट ने उन्हें MSC नर्सिंग चयन परीक्षा 2025 में सम्मिलित होने की अनुमति प्रदान की है। यह आदेश न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन और दिनेश कुमार पालीवाल की बेंच ने पारित किया। बता दें, बीते साल भी इसी तरह परमार को चयन परीक्षा में भाग लेने से रोका गया था।
परमार का कहना है कि उन्होंने परीक्षा फॉर्म पूरी पारदर्शिता से भरा था तथा उन्होंने अपने विरुद्ध नर्सिंग घोटाले के खिलाफ छात्रहितों की लड़ाई के दौरान दर्ज हुए एफआईआर की जानकारी प्रस्तुत की थी। एफआईआर होने के आधार पर मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल (MPESB) ने उनका फॉर्म निरस्त कर दिया था। पिछले साल भी कर्मचारी चयन मंडल ने फॉर्म भरने से वंचित किया था लेकिन उच्च न्यायालय ने राहत देते हुए परीक्षा में बैठने की अनुमति दी थी ।
इस बार फिर परमार ने अपने वकील अभिषेक पांडे और वकील नवीन वासवानी के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। यह न्याय की जीत है, सिर्फ मेरी नहीं, बल्कि उन सभी छात्रों की जो सरकार की नीतियों और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने का साहस रखते हैं। हाईकोर्ट ने यह साबित कर दिया है कि सच्चाई और संविधान के खिलाफ कोई खड़ा नहीं हो सकता।