MP के सलकनपुर देवीधाम के प्रसाद पर भी उठे सवाल
तिरुपति मंदिर के बाद अब सीहोर जिले के सलकनपुर देवी धाम मंदिर में बिकने वाले लड्डुओं को लेकर विवाद हो गया है। मंदिर प्रबंधन का कहना है कि यहां बिक रहे लड्डुओं की गारंटी नहीं है। ट्रस्ट ने सीहोर कलेक्टर प्रवीण सिंह से कहा है कि परिसर में प्रसाद बेचने पर रोक लगाएं।
यहां बिकने वाले लड्डू महिला स्व-सहायता समूह तैयार करता है। इन लड्डुओं को सलकनपुर देवी धाम मंदिर का मोनो लगाकर डिब्बे में पैक कर बेचा जाता है।
सलकनपुर देवी धाम ट्रस्ट के अध्यक्ष महेश उपाध्याय ने बताया कि मुझसे व ट्रस्ट के पदाधिकारियों से कई श्रद्धालुओं ने लड्डुओं से अजीब महक आने की शिकायत की है। हम इसके बारे में पहले भी समूह को बताते रहे हैं।
इस मामले में स्वसहायता समूह का कहना है कि हम पूरी शुद्धता से प्रसाद बनाते हैं। इसके लिए फूड एनालिस्ट का सर्टिफेकेट भी लिया है।
ट्रस्ट ने कहा- लड्डूओं की क्वालिटी की गारंटी नहीं
सलकनपुर मंदिर में पर नवरात्रि में लगने वाले मेले को लेकर सीहोर कलेक्टर प्रवीण सिंह और एसपी मयंक अवस्थी ने 23 सितंबर को ट्रस्ट के पदाधिकारियों की बैठक ली थी। बैठक में ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने प्रसाद बेचने पर रोक लगाने की बात कही थी।
पूर्व सीएम शिवराज ने किया था केंद्र का शुभारंभ
लड्डू बनाने वाले सलकनपुर प्रसादम केंद्र स्वसहायता समूह की अध्यक्ष रजनी मेहरा का कहना है कि हम अक्टूबर 2021 से लड्डू बनाकर बेच रहे हैं। हमें तो समाचारों से ही पता चला है कि लड्डुओं में कोई महक आ रही है। हमारे प्रसाद में अब तक किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं आई है।
तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान, ट्रस्ट के अध्यक्ष महेश उपाध्याय और सीहोर कलेक्टर ने 7 अक्टूबर 2021 को इस केंद्र का शुभारंभ किया था। मंदिर परिसर में जिला प्रशासन ने एक दुकान उपलब्ध कराई थी। उसी में प्रसाद बेच रहे हैं। यह मंदिर परिसर में ही है।
डिब्बे के डिजाइन व मंदिर का मोनो पहले दिन से ही उपयोग कर रहे हैं। हमारा काउंटर शुरू होने से पहले आजीविका मिशन के नोडल अधिकारी के साथ ट्रस्ट के अध्यक्ष महेश उपाध्याय से मिले थे। उन्हें लड्डू टेस्ट कराया था। डिब्बे का डिजाइन भी दिखाया था। उसके बाद ही काउंटर का शुभारंभ हुआ है। पहले साल समूह के ऑडिट के बाद हमें जो बचत हुई थी, उसमें से हमने मंदिर को 25 हजार 501 रुपए दान भी किए थे।
दस दिन में बिक जाते हैं लड्डू रजनी मेहरा ने बताया कि जहां दुकान है, वहां निर्माण चल रहा है। ऐसे में 6 सितंबर से मंदिर के सामने दुकान लगा रहे थे। ट्रस्ट के अध्यक्ष ने 10 सितंबर को दुकान पर मौजूद हमारी दीदी से कहा कि आप यहां दुकान नहीं लगाएं।
हमसे कहा था कि अभी देवी धाम का काम चल रहा है। निर्माण के दौरान पत्थर आदि गिर सकते हैं, इसलिए एक सप्ताह के लिए दुकान बंद कर लें। इसके बाद से दुकान लगाना बंद है। हम महीने में दो से ढाई क्विंटल लड्डू बनाते हैं। हमारे बनाए लड्डू आठ से दस दिन में पूरे बिक जाते हैं। ऐसे में लड्डू से स्मैल आने की बात गलत है।
नवरात्रि पर रोजाना बनाते हैं लड्डू हमारे यहां महीने में चार से पांच बार लड्डू का निर्माण होता है। नवरात्रि व मेले के समय रोज लड्डू बनाते हैं। आज तक किसी श्रद्धालु ने हमसे इसकी गुणवत्ता को लेकर शिकायत नहीं की है। इस काम से तीस बहनों का परिवार चल रहा है।
यदि हम गुणवत्ता से समझौता करेंगे तो कोई हमारा प्रसाद क्यों खरीदेगा। लड्डू बेचना बंद हुए तो सभी बेरोजगार हाे जाएंगे। यह वे महिलाएं हैं, जिनके पति नहीं हैं। सभी मजदूरी करके अपना घर चलाती हैं।
महाकाल मंदिर के लड्डू से आया आइडिया
यहां प्रसाद बनाकर बेचने का विचार महाकाल मंदिर को देखकर आया था। उसी के हिसाब से डिब्बे को तैयार किया है। हमारे लड्डू में कोई भी सामग्री अमानक नहीं है। सलकनपुर और रेहटी के बीच मालीबायां तिराहा पर लड्डू बनाते हैं। इसके लिए भवन सगोनिया पंचायत ने दिया है।
एसडीएम ने कहा- मंदिर ट्रस्ट और स्वसहायता समूह का विवाद
बुदनी एसडीएम राधेश्याम बघेल का कहना कि लड्डू के विषय में हमारी कोई बैठक नहीं हुई है। शासन ने लड्डू वालों को अधिकृत नहीं किया है। न हमारे तरफ से उनको रोक है। ट्रस्ट-लड्डू वाले और स्व सहायता समूह के बीच का मामला है। इसमें ट्रस्ट को ही कार्रवाई करनी है। स्व सहायता समूह की महिलाएं मुझे आवेदन करती हैं तो इस संबंध में तो हम इसकी खाद सुरक्षा अधिकारी से जांच कराएंगे। दोनो पक्षों से बात करेंगे, जो वैधानिक कार्रवाई होगी वह करेंगे।
ओंकारेश्वर में भी प्रसाद के सैंपल लिए खंडवा जिले में स्थित ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर में भी बनने वाले प्रसाद का सैंपल खाद्य विभाग के अधिकारियों ने लिया है। इस सैंपल को जांच के लिए भेजा है। खंडवा के खाद्य सुरक्षा अधिकारी राधेश्याम गोले ने बताया कि मंदिर के आसपास बिकने वाले लड्डुओं की सैंपलिंग भी की जाएगी। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।