हनी ट्रैप में महिला दलाल के घर तक पहुंची पुलिस
भोपाल में भारत हैवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड (BHEL) के एक सीनियर अफसर (डीजीएम) को स्क्रैप ठेकेदार द्वारा हनी ट्रैप में फांसने के मामले की जांच कर रही एसआईटी को आरोपी महिलाओं के संबंध में अहम सबूत मिले हैं। जया नाम की एक महिला आरोपी के घर तक पुलिस पहुंच गई है।
एमपी नगर स्थित महिला के घर दबिश में पुलिस को वह घर नहीं मिली लेकिन उसकी बेटियों के बयानों को दर्ज किया गया है। बेटियों ने पुलिस को बताया कि मां क्या करती थी, इस बात की उन्हें जानकारी नहीं है। मां पहले एक ब्यूटी पार्लर का संचालन किया करती थी। इधर, डीजीएम को अगवा कर जिस लाल रंग की कार से जबलपुर ले जाया गया था उसे भी जब्त कर लिया है।
आरोपी और फरियादी के बीच 20 साल पुराना परिचय
हनीट्रैप का शिकार भेल डीजीएम पहले साकेत नगर में रहते थे। यहीं उनका महिला से परिचय हुआ था। आरोपी दिन में कई-कई घंटे तक फरियादी के साथ बात करता था। दोनों ने एक साथ देश के कई हिस्सों का टूर किया है। इस बात की जानकारी स्वयं आरोपी ने पुलिस पूछताछ में दी थी। पुलिस की तस्दीक में यह बात सही भी साबित हुई है।
पुलिस को चार महिलाओं की तलाश
ममता द्विवेदी, पूजा राजपूत, जया और उज्बेकिस्तानी महिला सहित केस में कुल चार महिलाओं की मिलीभगत उजागर हो चुकी है। उज्बेकिस्तानी महिला कॉल गर्ल है, जबकि अन्य तीनों महिलाएं दलाली का काम करती हैं। तीनों भोपाल में सक्रिय रही हैं। अलग-अलग होटलों में रिमांड अनुसार लड़कियों को सप्लाई करने का काम करती थीं।
महिला दलालों ने बकायदा सिस्टम बना रखा है। इसके तहत लड़की की बुकिंग के बाद रकम एडवांस यूपीआई पर ट्रांसफर करा ली जाती थी। इसके बाद कॉल गर्ल को एक युवक तय स्थान तक लाने और ले जाने का काम करता है। ग्राहक से संपर्क कराने वाले को भी कमिशन दिया जाता था। कई होटलों के कर्मचारी भी इन महिलाओं के संपर्क में रहते थे।
5 हजार से 25 हजार तक वसूले जाते थे
दलाल महिलाएं कॉल गर्ल भेजने के लिए पांच हजार से 25 हजार रुपए तक वसूला करती थीं। इस रैकेट में एशियन सहित विदेशी लड़कियां तक शामिल हैं। पुलिस अब तक 20 से अधिक लोगों के बयानों को दर्ज कर चुकी है। इनमें होशंगाबाद रोड स्थित एक होटल के मैनेजर, स्टॉफ सहित दलाल महिलाओं के परिजन, शशांक के दो करीबी सहित फरार दलाल महिलाओं के रिश्तेदार शामिल हैं।