इंदौर के प्रेस क्लब के बाहर गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले हिंदूवादी संगठनों से जुड़े लोगों ने देवास से आए एक युवक और युवती के साथ मारपीट की। जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और भीड़ से उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला। इस दौरान मौजूद मीडियाकर्मियों ने भी बीच-बचाव किया। बाद में पुलिस युवक और युवती को अपने साथ थाने लेकर गई।
मामला देवास जिले के बरोठा थाना क्षेत्र के शुक्रवासा गांव का है। यहां जंगल में रह रहे आठ युवक और दो युवतियों की गतिविधियां पुलिस को संदिग्ध लगी। ये सभी लोग टेंट लगाकर जंगल में ठहरे हुए थे और आसपास के जरूरतमंद लोगों को पहचानकर उन्हें लालच देकर अपने साथ जोड़ने की कोशिश कर रहे थे।
ऐसे में बुधवार को इनसे पूछताछ की गई। जांच में सामने आया कि इन लोगों ने सिर्फ दो हजार रुपए में एक महीने के लिए देवराज भील की करीब साढ़े छह बीघा जमीन किराए पर ली है और उसी पर डेरा जमाकर अपनी गतिविधियां चला रहे हैं।
आरोपों झूठा बताने प्रेस कॉन्फ्रेंस करने आए थे
हिंदूवादी संगठन के विभाग संयोजक अविनाश कौशल ने बताया कि उन्होंने दो दिन पहले जंगल में चल रहे ईसाई समुदाय के धर्मांतरण के कथित मामले का खुलासा किया था। इसी मामले को लेकर सौरभ बेनर्जी और उनके साथ एक युवती गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करने इंदौर आए थे।
प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू होने से पहले ही हिंदूवादी संगठनों के लोगों ने सौरभ और युवती के साथ मारपीट कर दी। मौके पर मौजूद कुछ लोगों ने उन्हें बचाया, वहीं कुछ ही देर में सेंट्रल कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों को अपने साथ थाने ले गई।
खुलेआम धमकियां, मीडिया से मिलने से रोका
हंगामे के दौरान हिंदूवादी कार्यकर्ता खुलेआम मीडिया के सामने ही सौरभ और उनके साथ आई युवती को जान से मारने की धमकी देने लगे। इसके बाद उन्होंने सौरभ को मीडिया से बात न करने की चेतावनी दी। इस पूरे घटनाक्रम के दौरान प्रेस क्लब के बाहर काफी देर तक अफरा-तफरी का माहौल बना रहा। आरोप है कि सौरभ के साथ आए अन्य युवकों के साथ भी मारपीट की गई।
युवक बोला- हम पर लगाए गए आरोप झूठे हैं
पुलिस के साथ जाने से पहले सौरभ बेनजी ने कहा कि उन पर लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं। उन्होंने बताया कि वे भी पूजा-पाठ करते हैं और धर्मांतरण से उनका कोई लेना-देना नहीं है। उन पर विदेशी फंडिंग और धर्मांतरण के झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वे जो भी सामाजिक जो भी सामाजिक काम करते हैं, वे सभी प्रशासन की जानकारी में होते हैं, और उनके द्वारा लगाए जा रहे शिविरों की जानकारी भी प्रशासन को दी गई है।
पुलिस को कोई दस्तावेज, आईडी नहीं मिले
बुधवार को पुलिस ने पूछताछ के लिए चार युवकों को हिरासत में लिया, जबकि कुछ अन्य लोग पुलिस की पहुंच से बाहर हैं। पुलिस को इन लोगों के पास से कोई वैध दस्तावेज या आईडी नहीं मिली है। पूछताछ में इनका मुख्य व्यक्ति सौम्य बनर्जी नाम का युवक बताया जा रहा है।
टीआई अजय गुर्जर ने बताया कि वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर हर ऐंगल से पूछताछ और जांच की जा रही है। जंगल में रह रहे युवक अलग-अलग शहरों के रहने वाले हैं, जिनमें शहडोल और पश्चिम बंगाल के युवक शामिल हैं। वहीं, दोनों युवतियां इंदौर की रहने वाली बताई जा रही हैं। पुलिस अब इनके मकसद की गहराई से जांच कर रही है।