भोपाल में कॉलेज छात्राओं से रेप और ब्लैकमेलिंग के आरोपी फरहान खान को शार्ट एनकाउंटर में पैर में चोट आई थी। इस मामले में रातीबड़ थाना प्रभारी को मेडिकल बोर्ड से जांच कराकर विस्तृत प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के आदेश पारित किए हैं।
फरहान के अधिवक्ता जगदीश गुप्ता और राहुल गुप्ता ने कोर्ट में आवेदन लगाया था। आवेदन में उल्लेख किया है कि इस आपराधिक कृत्य, साजिश तथा षडयंत्र में और भी पुलिसकर्मी हैं।
जिस पर सुनवाई के बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी तरुणेंद्र प्रताप सिंह ने यह आदेश पारित किया है।
जेल सुपरिटेंडेंट और सिविल सर्जन को भी पत्र जारी कोर्ट ने केंद्रीय जेल गांधी नगर के अधीक्षक और जयप्रकाश अस्पताल के सिविल सर्जन को भी पत्र जारी कर कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।
पुलिसकर्मियों पर गोली मारने का आरोप आवेदन में कोर्ट को बताया कि पुलिस कर्मियों ने जिला कोर्ट के आदेश और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं किया। पुलिस रिमांड के दौरान आरोपी के प्रति अवैध शारीरिक हिंसा करते हुए सीधे पैर पर गोली मार दी। अत्यधिक खून बहने से पैर की हड्डी भी टूट गई।
इसके अलावा पुलिसकर्मियों ने साजिश करके उल्टे फरहान के खिलाफ प्राणघातक हमले की झूठी रिपोर्ट भी दर्ज करा दी गई। पुलिस थाना रातीबड़ ने बिना जांच किए अपराध भी पंजीबद्ध कर लिया।